RBI Repo Rate Cut: खुशखबरी!.. अब आपकी EMI हो जाएगी सस्ती!.. RBI का रेपो रेट घटाने का ऐलान, जानें कितनी की गई कटौती

RBI Repo Rate Cut News: घरेलू शेयर बाजारों सेंसेक्स और निफ्टी में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति के फैसले से पहले शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव का रुख रहा।

RBI Repo Rate Cut: खुशखबरी!.. अब आपकी EMI हो जाएगी सस्ती!.. RBI का रेपो रेट घटाने का ऐलान, जानें कितनी की गई कटौती

RBI Repo Rate Cut News || Image- PAYTM File

Modified Date: December 5, 2025 / 10:45 am IST
Published Date: December 5, 2025 10:40 am IST
HIGHLIGHTS
  • आरबीआई ने रेपो रेट 0.25% घटाया
  • EMI होने वाली है और भी सस्ती
  • शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी

RBI Repo Rate Cut: मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को वृहद आर्थिक स्थिति और वैश्विक परिस्थितियों पर गौर करते हुए प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.25 प्रतिशत कर दिया। मजबूत आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति में नरमी के बीच आरबीआई ने नीतिगत दर में यह कटौती की है।

RBI Policy News and Updates: अब तक कुल 1.25 प्रतिशत की कटौती

इसके साथ ही आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया। इसके अलावा महंगाई दर के अनुमान को 2.6 प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत कर दिया गया है। इस तरह वर्ष 2025 में रेपो दर में अब तक कुल 1.25 प्रतिशत की कटौती की जा चुकी है। इससे पहले, केंद्रीय बैंक ने इस साल फरवरी से जून तक रेपो दर में कुल एक प्रतिशत की कटौती की थी। वहीं अगस्त और अक्टूबर में मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया था।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने छह-सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीस) की तीन-दिवसीय बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘एमपीसी ने आम सहमति से रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.25 प्रतिशत करने का निर्णय किया है।’ उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मौद्रिक नीति के रुख को तटस्थ बनाये रखा गया है। इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक आर्थिक स्थिति के हिसाब से नीतिगत दर में समायोजन को लेकर लचीला बना रहेगा।

 ⁠

What Are Repo Rate?: क्या होता रेपो रेट?

RBI Repo Rate Cut: रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। रेपो दर में कटौती होने से आवास, वाहन समेत अन्य खुदरा कर्ज पर ब्याज में बदलाव की संभावना है।

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया है। वहीं चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाकर 2.0 प्रतिशत कर दिया गया जबकि पहले इसके 2.6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था।

RBI Latest News in Hindi: घरेलू शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव

RBI Repo Rate Cut News: घरेलू शेयर बाजारों सेंसेक्स और निफ्टी में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति के फैसले से पहले शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव का रुख रहा। विदेशी पूंजी की लगातार निकासी और मिले-जुले वैश्विक रुझानों के बीच निवेशक भी सतर्क रहे।

बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 53.54 अंक चढ़कर 85,318.86 अंक पर और एनएसई निफ्टी 28.2 अंक की बढ़त के साथ 26,061.95 अंक पर पहुंच गया। दोनों बाजार बाद में उतार-चढ़ाव के साथ उच्च व निम्न स्तर के बीच कारोबार कर रहे थे।

RBI Repo Rate Cut News: सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से इटर्नल, मारुति, पावर ग्रिड, इन्फोसिस, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और बजाज फाइनेंस के शेयर लाभ में रहे। दूसरी ओर रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक और ट्रेंट के शेयर नुकसान में रहे। एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और चीन का एसएसई कम्पोजिट सकारात्मक दायरे में रहे जबकि जापान का निक्की 225 तथा हांगकांग का हैंग सेंग नुकसान में रहे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को सपाट स्तर पर बंद हुए थे।

अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 63.15 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बृहस्पतिवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 1,944.19 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 3,661.05 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

इन्हें भी पढ़ें: –


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown