लक्ष्मी विलास बैंक की विफलता में आरबीआई की जवाबदेही पर गौर किये जाने की जरूरत: एआईबीईए

लक्ष्मी विलास बैंक की विफलता में आरबीआई की जवाबदेही पर गौर किये जाने की जरूरत: एआईबीईए

लक्ष्मी विलास बैंक की विफलता में आरबीआई की जवाबदेही पर गौर किये जाने की जरूरत: एआईबीईए
Modified Date: November 29, 2022 / 08:29 pm IST
Published Date: November 26, 2020 6:34 pm IST

नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) बैंक कर्मचारियों के संगठन एआईबीईए ने कहा है कि 94 साल पुराने लक्ष्मी विलास बैंक की विफलता में रिजर्व बैंक की जवाबदेही पर गौर किये जाने की जरूरत है। संगठन ने यह भी कहा कि बैंक का डीबीएस बैंक इंडिया लि. (डीबीआईएल) में प्रस्तावित विलय विदेशी बैंक के भारतीय बाजार में पिछले दरवाजे से प्रवेश का रास्ता साफ करेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसएिशन (एआईबीईए) ने कहा कि तमिलनाडु के बैंक का सिंगापुर स्थित बैंक की भारतीय अनुषंगी डीबीआईएल में विलय को लेकर रुख सरकार के आत्मनिर्भर भारत की नीति के खिलाफ है।

संगठन ने कहा कि 94 साल पुराना लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) 90 साल तक लाभ में रहा। बैंक को केवल तीन साल से ही घाटा हुआ है।

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एआईबीईए ने कहा, ‘‘यह सबको पता है कि इस घाटे का कारण उन बड़े कर्जदारों को ऋण देना है, जिनकी छवि अच्छी नहीं थी। इस संदर्भ में पूरी जांच होनी चाहिए कि कर्जदारों के नकारात्मक साख को जानते हुए भी ये कर्ज क्यों दिये गये? रिजर्व बैंक ने बैंक को इस प्रकार के कर्ज देने को लेकर सतर्क क्यों नहीं किया? केंद्रीय बैंक ने निजी क्षेत्र के बैंक के बड़े अधिकारियों के खिलाफ समय पर कदम क्यों नहीं उठाये?’’

एलवीबी का विलय डीबीआईएल में 27 नवंबर से प्रभाव में आएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी।

संगठन के अनुसार लक्ष्मी विलास बैंक की विफलता में रिजर्व बैंक की जवाबदेही पर गौर किये जाने की जरूरत है।

एआईबीईए ने कहा कि बैंक का डीबीएस बैंक इंडिया लि. में प्रस्तावित विलय विदेशी बैंक के भारतीय बाजार में पिछले दरवाजे से प्रवेश का रास्ता साफ करेगा।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर


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