आरबीआई की मौद्रिक समिति का विचार-विमर्श शुरू, रेपो दर पर निर्णय शुक्रवार को |

आरबीआई की मौद्रिक समिति का विचार-विमर्श शुरू, रेपो दर पर निर्णय शुक्रवार को

आरबीआई की मौद्रिक समिति का विचार-विमर्श शुरू, रेपो दर पर निर्णय शुक्रवार को

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : September 28, 2022/7:03 pm IST

नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक बुधवार को शुरू हो गई। उच्च मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की एक और वृद्धि की संभावना के बीच यह बैठक हो रही है।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनियम दर में गिरावट को रोकने, मुद्रास्फीति को काबू में लाने और विदेशी पूंजी प्रवाह बढ़ाने के मकसद से आरबीआई रेपो दर में वृद्धि कर सकता है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति के निर्णय की घोषणा 30 सितंबर को की जाएगी।

सरकार ने आरबीआई को दो प्रतिशत के घट-बढ़ के साथ खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया है। हालांकि, खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी से आरबीआई के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है।

मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर पर बने रहने के बीच घरेलू मुद्रा में तेजी से गिरावट आ रही है। अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया वर्तमान में 82 के करीब कारोबार कर रहा है।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक रूप से वृद्धि के बाद रुपये की विनियम दर में गिरावट तेज हो गई है।

विषेशज्ञों के अनुसार, केंद्रीय बैंक एक बार फिर प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर इसे तीन साल के उच्चतम स्तर 5.9 प्रतिशत पर पहुंचा सकता है। यह वर्तमान में 5.4 प्रतिशत है।

आरबीआई ने रेपो दर में मई से लेकर अबतक 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की है।

उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि अमेरिका समेत कई अन्य केंद्रीय बैंकों के ब्याज दरों में आक्रामक रूप से वृद्धि के बीच आरबीआई नीतिगत ब्याज दरों में कम से कम 0.35 से 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है।

एसोचैम महासचिव दीपक कपूर ने कहा, ‘‘उद्योग कम ब्याज दरों को देखना चाहता है लेकिन टिकाऊ आर्थिक वृद्धि के लिए मुख्य चुनौती और प्राथमिकता मुद्रास्फीति से निपटने की है।’’

कोलियर्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत) रमेश नायर ने कहा कि रेपो दर में और वृद्धि की संभावना है। सरकार मुद्रास्फीति के स्तर पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रही है।

एबीए कॉर्प के निदेशक अमित मोदी ने कहा, “रेपो दर में बढ़ोतरी करने से आवास ऋण की दरें अपने उच्चस्तर पर पहुंच सकती हैं। इसका असर लक्ज़री श्रेणी के घर खरीदारों की भावनाओं पर पड़ सकता है। मगर विशेष कर किफायती और मध्यम आवास श्रेणी में कुछ आधार अंकों की बढ़ोतरी का ज्यादा असर नहीं होगा और नई बुकिंग एवं बिक्री जारी रहेगी।“

मिगसन ग्रुप के प्रबंध निदेशक यश मिगलानी ने कहा, “आरबीआई मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए कुछ आधार अंकों की वृद्धि कर सकता है। इस समय आरबीआई अप्रत्यक्ष रूप से सभी क्षेत्रों को फायदा पहुंचाने के लिए रेपो दर में कुछ बदलाव करेगा…।’’

वहीं, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय बाजारों ने हालांकि काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। विशेष रूप से रुपया बाजार में…..जिसमें आरबीआई के हस्तक्षेप का समर्थन करना अच्छा रहा है।

विदेशी निवेशकों द्वारा द्वारा अगस्त में भारतीय शेयर बाजारों में 51,200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था। लेकिन सितंबर में अबतक 1,386 करोड़ रुपये से अधिक के कुल निवेश के साथ एफपीआई प्रवाह में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है।

भाषा जतिन

रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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