नयी दिल्ली, 29 दिसंबर (भाषा) औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति इस साल अक्टूबर में 4.45 प्रतिशत की तुलना में नवंबर में मामूली रूप से बढ़कर 4.98 प्रतिशत हो गई। इसका मुख्य कारण कुछ खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतें थीं।
श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “खाद्य मुद्रास्फीति 7.95 प्रतिशत रही, जो अक्टूबर में 6.27 प्रतिशत और नवंबर, 2022 में 4.30 प्रतिशत थी।”
बयान के अनुसार, साल-दर-साल मुद्रास्फीति नवंबर में 4.98 प्रतिशत रही, जबकि अक्टूबर, में यह 4.45 प्रतिशत थी और नवंबर, 2022 में यह 5.41 प्रतिशत थी।
नवंबर, 2023 के लिए अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू (औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) 0.7 अंक बढ़कर 139.1 अंक पर रहा। अक्टूबर, 2023 में यह 138.4 अंक था।
वर्तमान सूचकांक में अधिकतम वृद्धि का दबाव खाद्य और पेय पदार्थ समूह से आया, जिसने कुल परिवर्तन में 0.65 प्रतिशत अंक का योगदान दिया।
इस दौरान चावल, गेहूं, गेहूं आटा, ज्वार, अरहर दाल, उड़द दाल, अंडे-मुर्गी, जिंजली तेल, गाजर और कुछ सब्जियां महंगी हुईं।
दूसरी ओर ताजी मछली, चिकन, सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल, सेब, केला, अंगूर, संतरा, शिमला मिर्च, फूलगोभी, हरी मिर्च और अदरक के दाम कम हुए।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय
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