मत्स्य पालन सब्सिडी का संशोधित मसौदा अब भी ‘असंतुलित’ : सूत्र

मत्स्य पालन सब्सिडी का संशोधित मसौदा अब भी ‘असंतुलित’ : सूत्र

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:07 PM IST
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Published Date: November 8, 2021 10:56 pm IST
मत्स्य पालन सब्सिडी का संशोधित मसौदा अब भी ‘असंतुलित’ : सूत्र

नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से कहा है कि मत्स्य पालन सब्सिडी पर संशोधित मसौदा अब भी ‘असंतुलित’ है। डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश मंगलवार से संशोधित मसौदे पर प्रावधान-दर-प्रावधान विचार-विमर्श शुरू करेंगे।

नियमों पर वार्ताकार समूह के प्रमुख राजदूत सांतियागो विल्स ने प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों को मत्स्य पालन सब्सिडी पर संशोधित मसौदे की जानकारी दी।

विल्स ने संवाददाताओं से कहा कि इस अंतिम चरण का मकसद मसौदे को पूर्ण रूप से स्पष्ट या जितना स्पष्ट हो सके, करना है। मंत्रियों को आगामी 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में सिर्फ एक या दो मुद्दों पर फैसला करना है। यह सम्मेलन 30 नवंबर से जिनेवा में शुरू हो रहा है।

सूत्रों ने कहा कि संशोधित मसौदा अब भी असंतुलित है।

भारत समय-समय पर कहता रहा है कि वह डब्ल्यूटीओ में मत्स्य पालन सब्सिडी के करार को अंतिम रूप देने का इच्छुक है, क्योंकि कई देशों द्वारा अत्यधिक मछलियां पकड़ने और तर्कहीन लाभों से घरेलू मछुआरों की आजीविका प्रभावित हो रही है।

डब्ल्यूटीओ में सदस्य देश मसौदे के आधार पर वार्ता करते हैं जिसके बाद किसी करार को अंतिम रूप दिया जाता है।

भारत ने हाल में मत्स्य पालन सब्सिडी पर एक प्रस्ताव सौंपा है। यह प्रस्ताव उन देशों के अनुरूप नहीं है जो अत्यधिक मछली पकड़ रहे हैं या अत्यधिक क्षमता बना रहे हैं।

भारत ने सुझाव दिया है कि ऐसे देश जो दूर पानी में और अपने प्राकृतिक भौगोलिक क्षेत्र के बाहर मछली पकड़ रहे हैं, उन्हें अपने विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र के बाहर 25 साल तक सब्सिडी देना बंद करना चाहिए।

भाषा अजय अजय प्रणव

प्रणव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)