मुंबई, 10 सितंबर (भाषा) विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने से मंगलवार को रुपया एक सीमित दायरे में रहा और दो पैसे की गिरावट के साथ 83.97 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि गैर-कृषि रोजगार के मिलेजुले आंकड़ों के बीच अमेरिकी डॉलर में सुधार हुआ। कच्चे तेल की कीमतों में मामूली सुधार ने भी रुपये पर दबाव डाला।
उन्होंने बताया कि घरेलू शेयर बाजारों में उछाल ने रुपये की गिरावट को सीमित कर दिया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.95 पर खुला और कारोबार के अंत में कमजोर रुख के साथ 83.97 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले दो पैसे की गिरावट है।
रुपया सोमवार को एक सीमित दायरे में कारोबार के बाद 83.95 प्रति डॉलर पर सपाट बंद हुआ था।
शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि मजबूत अमेरिकी डॉलर और वैश्विक आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंताओं के कारण रुपया थोड़ा नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। हालांकि, सकारात्मक घरेलू बाजार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के किसी भी हस्तक्षेप से रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है।”
चौधरी ने आगे कहा, ‘‘निवेशक इस सप्ताह अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों और मौद्रिक नीति से पहले सतर्क रह सकते हैं।’’
उन्होंने बताया कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 83.70 से 84.20 के दायरे में रह सकता है।
घरेलू शेयर बाजारों में सेंसेक्स 361.75 अंक या 0.44 प्रतिशत चढ़कर 81,921.29 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 104.70 अंक या 0.42 प्रतिशत बढ़कर 25,041.10 अंक पर पहुंच गया।
छह प्रमुख मु्द्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.03 प्रतिशत बढ़कर 101.58 पर पहुंच गया।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.16 प्रतिशत गिरकर 71.01 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 1,176.55 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
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