एसबीआई ने केएसके महानदी पावर के ऋण खाते को 1,622 करोड़ रुपये में आदित्य बिड़ला एआरसी को बेचा

एसबीआई ने केएसके महानदी पावर के ऋण खाते को 1,622 करोड़ रुपये में आदित्य बिड़ला एआरसी को बेचा

एसबीआई ने केएसके महानदी पावर के ऋण खाते को 1,622 करोड़ रुपये में आदित्य बिड़ला एआरसी को बेचा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:18 pm IST
Published Date: August 19, 2022 3:18 pm IST

नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने केएसके महानदी पावर कंपनी के फंसे कर्ज को आदित्य बिड़ला एआरसी को 1,622 करोड़ रुपये में बेच दिया है। यह संपत्ति के कुल मूल्य से लगभग 58 प्रतिशत कम है।

एसबीआई का अप्रैल, 2022 में केएसके महानदी पावर कंपनी के ऊपर कुल 3,815.04 करोड़ रुपये का बकाया था।

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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘एसबीआई ने केसके महानदी पावर कंपनी लि. के ऊपर बकाये को लेकर ई-नीलामी की खुली पेशकश की। यह नीलामी 100 प्रतिशत नकदी आधार पर की गयी और आरक्षित मूल्य 1,544.08 करोड़ रुपये रखा गया था।’’

एसबीआई को इसको लेकर कुल 15 रुचि पत्र मिले। जबकि केवल एक बोली आदित्य बिड़ला एआरसी से मिली। कंपनी ने मई के अंत में हुई नीलामी में 1,544.08 करोड़ रुपये की बोली लगायी।

बैंक ने कहा कि ‘स्विस चुनौती नीलामी प्रक्रिया’ में उसे कोई प्रतिस्पर्धी बोली नहीं मिली। बाद में बातचीत के आधार पर, आदित्य बिड़ला एआरसी ने प्रस्ताव को बढ़ाकर 1,622 करोड़ रुपये कर दिया।

स्विस चुनौती नीलामी प्रक्रिया बोली लगाने का एक तरीका है। इसे अक्सर सार्वजनिक परियोजनाओं में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें इच्छुक पक्ष संबंधित अनुबंध या परियोजना के लिये बोली शुरू करता है। उसके बाद परियोजना का विवरण सार्वजनिक किया जाता है। इसमें रुचि रखने वाले अन्य लोगों से प्रस्ताव आमंत्रित किया जाता है। बोलियों की प्राप्ति पर पहले बोलीदाता को बेहतर बोली का मिलान करने का अवसर मिलता है।

एसबीआई ने कहा कि बिक्री 12 अगस्त, 2022 को सक्षम आंतरिक अधिकारियों से मंजूरी प्राप्त करने के बाद पूरी हुई।

इससे पहले, बैंक ने दिसंबर, 2021 में प्रशासनिक कारणों का हवाला देते हुए केएसके महानदी की ई-नीलामी को रोक दिया था।

उस समय, कंपनी के खिलाफ कुल बकाया 4,100 करोड़ रुपये से अधिक था।

केएसके महानदी पावर जून, 2009 में स्थापित हुई थी। कंपनी दो साल से अधिक समय से दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता, 2016 के तहत दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही थी।

भाषा

रमण अजय

अजय


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