सेबी की बोर्ड बैठक में बड़े सुधारों को मंजूरी, म्यूचुअल फंड में पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर

सेबी की बोर्ड बैठक में बड़े सुधारों को मंजूरी, म्यूचुअल फंड में पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर

सेबी की बोर्ड बैठक में बड़े सुधारों को मंजूरी, म्यूचुअल फंड में पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर
Modified Date: December 17, 2025 / 06:45 pm IST
Published Date: December 17, 2025 6:45 pm IST

मुंबई, 17 दिसंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी के निदेशक मंडल की बुधवार को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण सुधारों को मंजूरी दी गई। इन सुधारों का मकसद कंपनियों और निवेशकों दोनों के लिए प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाना है।

निदेशक मंडल ने कंपनियों के लिए कोष जुटाने के समय पेश किए जाने वाले निर्गम दस्तावेज को सरल बनाने का प्रस्ताव मंजूर किया। इससे निवेशकों को निवेश के फैसले लेने में आसानी होगी और वे कम समय में ही मुख्य बिंदुओं की जानकारी जुटा पाएंगे।

इसके अलावा, म्यूचुअल फंड योजनाओं में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए समग्र खर्च अनुपात (टीईआर) को अलग-अलग घटकों में तोड़ने की मंजूरी दी गई। इससे निवेशक यह समझ सकेंगे कि टीईआर में से कितनी राशि स्टांप शुल्क, प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे कानूनी मदों में जा रही है।

 ⁠

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बॉन्ड या ऋण निर्गम में भी विशेष श्रेणी के निवेशकों को प्रोत्साहन देने की अनुमति दी।

निदेशक मंडल ने बड़ी कंपनियों पर अनुपालन का बोझ कम करने के लिए उच्च ऋण मूल्य वाली सूचीबद्ध इकाइयों (एचवीडीएलई) की पहचान के लिए ऋणसीमा को 1,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया।

सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उच्च-स्तरीय समिति की सिफारिशों की समीक्षा भी की गई, जिसमें हितों के टकराव और वरिष्ठ अधिकारियों की संपत्ति संबंधी खुलासों पर भी ध्यान दिया गया।

पांडेय के सेबी प्रमुख बनने के बाद निदेशक मंडल की यह चौथी बैठक थी।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण


लेखक के बारे में