विदेशी निवेशकों के लिए प्रतिभूति बाजार में भागीदारी हुआ आसान, सेबी ने पेश किया नया ढांचा

विदेशी निवेशकों के लिए प्रतिभूति बाजार में भागीदारी हुआ आसान, सेबी ने पेश किया नया ढांचा

विदेशी निवेशकों के लिए प्रतिभूति बाजार में भागीदारी हुआ आसान, सेबी ने पेश किया नया ढांचा
Modified Date: September 12, 2025 / 08:45 pm IST
Published Date: September 12, 2025 8:45 pm IST

मुंबई, 12 सितंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को विदेशी निवेशकों के लिए अनुपालन को सरल और भारत को अधिक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाने के इरादे से एकल खिड़की ढांचा ‘स्वागत-एफआई’ को पेश करने का निर्णय लिया।

सेबी ने कहा कि यह व्यवस्था कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों के लिए पंजीकरण एवं निवेश प्रक्रिया को आसान बनाएगी। इसके तहत एकीकृत पंजीकरण प्रक्रिया उपलब्ध होगी और बार-बार अनुपालन एवं दस्तावेज पेश करने की जरूरत घटेगी।

कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों में सरकारी स्वामित्व वाले कोष, केंद्रीय बैंक, सरकारी संपत्ति कोष, बहुपक्षीय संस्थाएं, विनियमित सार्वजनिक खुदरा फंड, बीमा कंपनियां और पेंशन कोष शामिल होंगे।

 ⁠

नए ढांचे को ‘भरोसेमंद विदेशी निवेशकों के लिए स्वचालित और सामान्यीकृत पहुंच की एकल खिड़की व्यवस्था’ (स्वागत-एफआई) का नाम दिया गया है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने निदेशक मंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि नए ढांचे से कम जोखिम वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) और विदेशी उद्यम पूंजी निवेशक (एफवीसीआई) दोनों के लिए निवेश के रास्ते खुलेंगे।

इसके तहत पंजीकरण प्राप्त निवेशक सूचीबद्ध इक्विटी और ऋण साधनों में एफपीआई के रूप में और स्टार्टअप एवं चयनित क्षेत्रों में एफवीसीआई के रूप में निवेश कर सकेंगे।

देश में जून, 2025 तक 11,913 एफपीआई पंजीकृत थे, जिनकी कुल परिसंपत्ति 80.83 लाख करोड़ रुपये आंकी गई। इसमें से 70 प्रतिशत से अधिक परिसंपत्तियां स्वागत-एफआई निवेशकों के पास होने का अनुमान है।

नए ढांचे में सेबी ने पंजीकरण की वैधता अवधि को भी तीन या पांच साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया है। निवेशकों को वैकल्पिक तौर पर एक ही डीमैट खाते में सभी प्रकार के निवेश रखने की अनुमति होगी, जबकि नियामकीय निगरानी सुनिश्चित करने के लिए डिपॉजिटरी स्तर पर टैगिंग की जाएगी।

इसके अलावा, अब स्वागत-एपआई में प्रवासी भारतीयों, भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों (ओसीआई) और निवासी भारतीय व्यक्तियों के निवेश पर कुल 50 प्रतिशत की सीमा हटा दी गई है।

सेबी बोर्ड ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) से काम करने वाले एफपीआई के लिए भी नियम आसान किए हैं। अब ऐसे केंद्रों में निवासी भारतीय प्रायोजक या प्रबंधक वाली खुदरा योजनाओं को एफपीआई के रूप में पंजीकरण की अनुमति होगी।

इस बारे में व्यवस्थित जानकारी देने के लिए सेबी ने एक नया पोर्टल ‘इंडिया मार्केट एक्सेस’ भी पेश किया। यह मंच विदेशी निवेशकों को नियामकीय एवं प्रक्रियागत सूचनाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराएगा और भारतीय बाजारों में उनकी भागीदारी को सहज बनाएगा।

सेबी ने कहा कि आवश्यक प्रणाली एवं प्रक्रियागत सुधारों को देखते हुए स्वागत-एफआई ढांचा छह माह में पूरी तरह लागू किया जाएगा।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण


लेखक के बारे में