सेबी का डीएचएफएल के पूर्व प्रवर्तकों के बैंक, डीमैट खातों को कुर्क करने का आदेश

सेबी का डीएचएफएल के पूर्व प्रवर्तकों के बैंक, डीमैट खातों को कुर्क करने का आदेश

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  • Publish Date - February 22, 2024 / 04:44 PM IST,
    Updated On - February 22, 2024 / 04:44 PM IST

नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 22 लाख रुपये से अधिक के बकाया की वसूली के लिए दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्प लिमिटेड (डीएचएफएल) के पूर्व प्रवर्तकों धीरज वधावन और कपिल वधावन के बैंक खातों के साथ-साथ शेयरों तथा म्यूचुअल फंड को कुर्क करने का आदेश दिया है। खुलासा मानदंडों के उल्लंघन के मामले में सेबी द्वारा दोनों भाई पर पिछले साल जुलाई में जुर्माना लगाया गया था। हालांकि, दोनों भाइयों ने जुर्माना अदा नहीं किया, जिसके बाद यह आदेश जारी किया गया है। सेबी ने मंगलवार को जारी दो अलग-अलग कुर्की नोटिस में लंबित बकाया की वसूली के लिए वधावन के बैंक, डीमैट खातों और म्यूचुअल फंड फोलियो को कुर्क करने का आदेश दिया है। वधावन बंधुओं पर 10.6-10.6 लाख रुपये की लंबित बकाया राशि में प्रारंभिक जुर्माना राशि, ब्याज और वसूली लागत शामिल है। जुलाई, 2023 में नियामक ने खुलासा मानदंडों के उल्लंघन के लिए धीरज और कपिल वधावन पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। ये दोनों डीएचएफएल (जिसे अब पीरामल फाइनेंस के नाम से जाना जाता है) के प्रवर्तक थे। कपिल वधावन डीएचएफएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक थे, जबकि धीरज वधावन कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक। ये दोनों डीएचएफएल के निदेशक मंडल के सदस्य भी थे। यह आदेश सेबी द्वारा डीएचएफएल प्रामेरिका लाइफ इंश्योरेंस (तत्कालीन डीएलएफ प्रामेरिका लाइफ इंश्योरेंस) में डीएचएफएल द्वारा रखे गए शेयरों को उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी डीएचएफएल इन्वेस्टमेंट्स और अन्य संबंधित लेनदेन में स्थानांतरित करने की जांच के बाद आया। यह जांच फरवरी-मार्च 2017 के बीच की गई। सेबी ने पाया कि दोनों भाई कंपनियों द्वारा पोस्टल बैलेट नोटिस में अपर्याप्त जानकारी प्रदान करने के लिए जिम्मेदार थे। कुर्की नोटिस के अनुसार, सेबी ने कहा कि इस बात पर विश्वास करने के पर्याप्त कारण मौजूद हैं कि डिफॉल्टर बैंक खातों में राशि और डीमैट खातों में प्रतिभूतियों का निपटान कर सकते हैं …

नियामक ने सभी बैंकों, डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड से खाते से राशि निकालने की अनुमति नहीं देने को कहा गया है। हालांकि, खातों में राशि जमा कराने की अनुमति है। सेबी ने जनवरी में धीरज और कपिल को मांग नोटिस भेजकर मामले में प्रत्येक को 10.6 लाख रुपये का भुगतान करने को कहा था। साथ ही उन्हें 15 दिन के भीतर भुगतान करने में विफल रहने पर गिरफ्तारी और संपत्ति के साथ-साथ बैंक खातों को जब्त करने की चेतावनी भी दी थी। भाषा निहारिका अजयअजय