शेयर बाजार में चार दिन से जारी तेजी पर विराम, सेंसेक्स 621 अंक टूटा |

शेयर बाजार में चार दिन से जारी तेजी पर विराम, सेंसेक्स 621 अंक टूटा

शेयर बाजार में चार दिन से जारी तेजी पर विराम, सेंसेक्स 621 अंक टूटा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : January 6, 2022/6:36 pm IST

मुंबई, छह जनवरी (भाषा) शेयर बाजारों में पिछले चार कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर बृहस्पतिवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स 621 अंक लुढ़क गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के ब्योरे में नीतिगत दर में उम्मीद से पहले बढ़ोतरी के संकेत के साथ वैश्विक बाजारों में बिकवाली हुई जिसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 621.31 अंक यानी 1.03 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,601.84 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 179.35 अंक यानी एक प्रतिशत टूटकर 17,745.90 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में 2.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ टेक महिंद्रा सर्वाधिक नुकसान में रही। इसके अलावा अल्ट्राटेक सीमेंट, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचसीएल टेक, एचडीएफसी, कोटक बैंक, एचडीएफसी बैंक और इन्फोसिस भी नुकसान में रहे।

शेयर बाजार में आई गिरावट में आरआईएल, एचडीएफसी लि., एचडीएफसी बैंक और इन्फोसिस का सम्मिलित योगदान करीब आधे से अधिक रहा।

दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में इंडसइंड बैंक, भारती एयरटेल, मारुति, टाइटन और बजाज फाइनेंस शामिल हैं। इनमें 1.74 प्रतिशत तक की तेजी रही। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से केवल सात ही लाभ में रहे।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘पश्चिमी बाजारों में तीव्र गिरावट के बीच घरेलू बाजार नुकसान में खुले और आईटी, रियल्टी तथा तेल एवं गैस शेयरों में बिकवाली से गिरावट बढ़ती चली गयी। वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट का कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक का ब्योरा है, जिसमें उम्मीद के विपरीत मुद्रास्फीति में तेजी को देखते हुए नीतिगत दर में जल्द ही वृद्धि का संकेत दिया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा निवेशकों की नजर तेजी से फैल रहे कोविड मामलों तथा उसकी रोकथाम के लिये लगायी जा रही पाबंदियों पर भी है। इससे आने वाले दिनों में बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।’’

रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (अनुसंधान) अजीत मिश्रा ने कहा कि बाजार में निकट समय में गिरावट देखने को मिल सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक संकेतों के अलावा कोविड से जुड़ी खबरें, कंपनियों के तिमाही परिणाम के साथ बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है। कारोबारियों को सतर्कता बरतते हुए क्षेत्र एवं शेयर-केंद्रित रुख अपनाना चाहिए।’’

फेडरल रिजर्व की 14-15 दिसंबर को हुई बैठक के ब्योरे के अनुसार नीति निर्माताओं को भरोसा है कि अमेरिका में रोजगार की स्थिति बेहतर है और अब बहुत कम ब्याज दर की जरूरत नहीं रह गई है।

रिलायंस सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘पिछले अनुमान के विपरीत अमेरिका में जल्द ब्याज दर बढ़ने से घरेलू बाजार से पूंजी की निकासी हो सकती है जिससे धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।’’

एशिया के अन्य बाजारों में चीन में शंघाई कंपोजिट सूचकांक, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की नुकसान में रहे। हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहा।

यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में दोपहर कारोबार में बिकवाली दबाव रहा।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.25 प्रतिशत बढ़कर 81 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया चार पैसे फिसलकर 74.42 पर बंद हुआ।

शेयर बाजार में उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक बुधवार को शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने 336.83 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।

भाषा

रमण प्रेम

 

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