राज्यों को समय पर उद्योग को प्रोत्साहन देना चाहिए: गोयल
राज्यों को समय पर उद्योग को प्रोत्साहन देना चाहिए: गोयल
नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि कुछ उद्योगों ने इस बात पर चिंता जताई है कि कुछ राज्य प्रोत्साहनों की घोषणा तो करते हैं, लेकिन उनके वितरण में देरी करते हैं। उन्होंने राज्यों से वादा किए गए लाभ समय पर प्रदान करने का आग्रह किया।
गोयल ने राज्यों को निवेश आकर्षित करने के लिए श्रम, दुकानें और प्रतिष्ठान तथा पर्यावरण से संबंधित कानूनों को सरल बनाने का भी सुझाव दिया।
उन्होंने यहां उद्योग समागम 2025 में राज्यों के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यों द्वारा दिए गए प्रोत्साहनों पर चिंताएं जतायी गई हैं। ‘‘जिन भी प्रोत्साहन की घोषणा की जाती है, वे समय पर दिए जाने चाहिए।’’
गोयल ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को औद्योगिक प्रोत्साहनों को प्रभावी ढंग से लागू करने और उनकी निगरानी करने के लिए तृतीय-पक्ष व्यवस्था स्थापित करने का आग्रह किया ताकि उद्योग का विश्वास बनाए रखने के लिए समय पर वितरण और क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि इससे घटिया वस्तुओं के आयात में कमी लाने, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और उपभोक्ता सुरक्षा में सुधार लाने में मदद मिली है।
उन्होंने कहा कि ये आदेश उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराने और विनिर्माण में गुणवत्ता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लागू किए जा रहे हैं।
मंत्री ने खिलौनों और प्लाईवुड पर क्यूसीओ की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि इस तरह के उपायों ने भारतीय उद्योगों को मजबूत किया है और घटिया वस्तुओं के आयात पर अंकुश लगाया है।
उन्होंने राज्यों से कहा कि वे उद्योगों को गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करने और टिकाऊ गतिविधियों का पालन करने के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
गोयल ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि कुछ राज्यों ने इस बैठक में अपने प्रतिनिधि नहीं भेजे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे गंभीरता से ले रहे हैं…यह उनकी गंभीरता को दर्शाता है।’’ उन्होंने कहा कि भारत के प्रत्येक राज्य ने अच्छी गतिविधियां विकसित की हैं जो दूसरों के लिए आदर्श बन सकती हैं और एक-दूसरे से सीखकर, देश औद्योगिक प्रगति को गति दे सकता है।
भाषा रमण अजय
अजय

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