सफल समाधान योजना पेश करने वाले को पीछे हटने की अनुमति नहीं दी जा सकती: एनसीएलएटी

सफल समाधान योजना पेश करने वाले को पीछे हटने की अनुमति नहीं दी जा सकती: एनसीएलएटी

सफल समाधान योजना पेश करने वाले को पीछे हटने की अनुमति नहीं दी जा सकती: एनसीएलएटी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:11 pm IST
Published Date: October 2, 2020 3:57 pm IST

नयी दिल्ली, दो अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने कहा है कि कर्ज में फंसी कंपनी के लिये किसी आवेदक की समाधान योजना मंजूर हो जाती है, तब सफल बोलीदाता को पेशकश वापस लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

अपीलीय न्यायाधिकरण की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि समाधान प्रक्रिया की जो पवित्रता है, उसे बनाये रखना होगा और सफल बोलीदाता का पीछे हटना कंपनी ऋण शोधन समाधान की पूरी प्रक्रिया के लिये निराशाजनक है।

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पीठ ने कहा कि इसके अलावा दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है, जो किसी भी सफल समाधान आवेदन को ‘यू टर्न’ की अनुमति देता है।

कार्यवाहक चेयरमैन न्यायमूर्ति बीएल भट्₨ट की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘हमारा यह मानना है कि समाधान प्रक्रिया की पवित्रता बनाये रखी जानी चाहिए। जिस आवेदनकर्ता के समाधान आवेदन को कर्जदाताओं की समिति ने मंजूरी दे दी है, उसे समाधान योजना से वापस हटने की मंजूरी नहीं दी जा सकती।’’

अपीलीय न्यायाधिकरण ने दिल्ली की कंपनी कुंदन केयर्स प्रोडक्ट्स की याचिका खारिज करते हुए यह बात कही। कंपनी एस्टोनफील्ड सोलर (गुजरात) प्राइवेट लि. के लिये सफल बोलीदाता के रूप में उभरी है।

कुंदन केयर प्रोडक्ट्स की दलील थी कि कंपनी ऋण शोधन अक्षमता समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में देरी के कारण, उसकी पेशकश वाणिज्यिक रूप से अव्यवहारिक बन गयी है ऐसे में अपीलकर्ता को उसे वापस लेने से नहीं रोका जा सकता।

कंपनी ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की दिल्ली पीठ के समक्ष इस बारे में आवेदन दिया था। पीठ ने तीन जुलाई, 2020 को इस आधार पर कोई भी आदेश देने से मना कर दिया कि मामला पहले से उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।

उसके बाद कंपनी अपीलीय न्यायाधिकरण में गयी थी।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर


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