चीनी उद्योग की एथनॉल की खरीद कीमतों में संशोधन की मांग

चीनी उद्योग की एथनॉल की खरीद कीमतों में संशोधन की मांग

चीनी उद्योग की एथनॉल की खरीद कीमतों में संशोधन की मांग
Modified Date: June 2, 2025 / 07:04 pm IST
Published Date: June 2, 2025 7:04 pm IST

नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) चीनी उद्योग ने एथनॉल खरीद कीमतों में संशोधन और मिश्रण लक्ष्यों को 20 प्रतिशत से आगे बढ़ाने की मांग की है। इसकी वजह यह है कि राष्ट्रीय एथनॉल कार्यक्रम में इस क्षेत्र का योगदान 73 प्रतिशत से घटकर सिर्फ 28 प्रतिशत रह गया है।

राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना महासंघ (एनएफसीएसएफ) ने एक बयान में कहा कि उद्योग ने एथनॉल की मांग को बढ़ावा देने और उच्च मिश्रण के लिए बाजार की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों (एफएफवी) के त्वरित प्रचार और निर्माण की भी मांग की है।

यह मांग आईएफजीई के शुगर बायोएनर्जी ग्रुप के चेयरमैन और एनएफसीएसएफ के बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य रवि गुप्ता के नेतृत्व में उद्योग प्रतिनिधिमंडल द्वारा हाल ही में पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) में आयोजित एक बैठक में की गई थी।

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एनएफसीएसएफ ने कहा कि 2022-23 सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उद्योग ने 43 लाख टन चीनी को एथनॉल उत्पादन की ओर मोड़कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जिससे 369 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति संभव हुई है, जो देशभर में ईंधन के साथ मिश्रित कुल एथनॉल का 73 प्रतिशत है।

हालांकि, 2023-24 में चीनी आधारित ‘फीडस्टॉक’ से एथनॉल की आपूर्ति घटकर 270 करोड़ लीटर रह गई, जिसने राष्ट्रीय सम्मिश्रण कार्यक्रम में केवल 38 प्रतिशत का योगदान दिया।

इसने एक बयान में कहा, ‘‘वर्ष 2024-25 में इसके और घटकर 250 करोड़ लीटर रह जाने का अनुमान है, जो 900 करोड़ लीटर के कुल सम्मिश्रण लक्ष्य का केवल 28 प्रतिशत है।’’

इस गिरावट का मुख्य कारण यह है कि गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में वृद्धि के अनुरूप एथनॉल खरीद मूल्य में वृद्धि नहीं की गई है, जिससे चीनी मिलों के लिए इसका उत्पादन कम लाभदायक रह गया है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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