चालू विपणन सत्र में चीनी का उत्पादन अबतक मामूली गिरावट के साथ 280.79 लाख टन |

चालू विपणन सत्र में चीनी का उत्पादन अबतक मामूली गिरावट के साथ 280.79 लाख टन

चालू विपणन सत्र में चीनी का उत्पादन अबतक मामूली गिरावट के साथ 280.79 लाख टन

:   Modified Date:  March 18, 2024 / 06:22 PM IST, Published Date : March 18, 2024/6:22 pm IST

नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) भारत का शुद्ध चीनी उत्पादन अक्टूबर, 2023 में शुरू हुए चालू विपणन वर्ष में 15 मार्च तक मामूली गिरावट के साथ 280.79 लाख टन रह गया है। सोमवार को जारी व्यापार आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है।

भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने बयान में कहा, ‘‘मौजूदा 2023-24 सत्र में 15 मार्च, 2024 तक चीनी का उत्पादन 280.79 लाख टन पर पहुंच गया। पिछले साल इसी तारीख में यह आंकड़ा 282.60 लाख टन रहा था।’’

इस साल 15 मार्च को चालू कारखानों की संख्या 371 थी, जबकि पिछले साल इसी दिन 325 मिलें परिचालन में थीं।

उत्तर प्रदेश में समीक्षाधीन अवधि में चीनी का उत्पादन पूर्व के 79.63 लाख टन के मुकाबले 88.40 लाख टन हुआ।

महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 101.92 लाख टन से मामूली गिरावट के साथ 100.50 लाख टन रह गया, जबकि कर्नाटक में यह 53.50 लाख टन से घटकर 47.55 लाख टन रह गया।

हाल ही में, इस्मा ने गन्ना रस एवं बी-भारी शीरा के माध्यम से एथनॉल विनिर्माण के लिए 17 लाख टन के ‘डायवर्जन’ के बाद विपणन वर्ष 2023-24 के लिए लगभग 323 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है।

विपणन वर्ष 2022-23 के दौरान गन्ना रस और बी-भारी शीरे से एथनॉल बनाने के लिए 38 लाख टन चीनी के उपयोग के साथ शुद्ध चीनी उत्पादन 328.2 लाख टन रहा।

पिछले सप्ताह इस्मा ने सितंबर में समाप्त होने वाले विपणन वर्ष में चीनी के सकल उत्पादन के अपने अनुमान को 9.5 लाख टन बढ़ाकर 340 लाख टन कर दिया।

पिछले वर्ष सकल चीनी उत्पादन 366.2 लाख टन था।

जनवरी में, एसोसिएशन ने विपणन वर्ष 2023-24 में एथनॉल के लिए किसी भी तरह के स्थानांतरण के बिना कुल चीनी उत्पादन 330.5 लाख टन रहने का अनुमान लगाया था।

पिछले महीने, केंद्र सरकार ने अक्टूबर, 2024 से शुरू होने वाले 2024-25 सत्र के लिए उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) – गन्ना उत्पादकों को मिलों द्वारा दी जाने वाली न्यूनतम कीमत – 25 रुपये बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला किया।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया था, ‘‘केंद्र सरकार के इस फैसले से पांच करोड़ से अधिक गन्ना किसानों (परिवार के सदस्यों सहित) और चीनी क्षेत्र से जुड़े लाखों अन्य लोगों को फायदा होगा।”

गन्ना मुख्य रूप से महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में उगाया जाता है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)