शुल्क वृद्धि से मेक्सिको को भारतीय निर्यात पर पड़ेगा बुरा असरः विशेषज्ञ
शुल्क वृद्धि से मेक्सिको को भारतीय निर्यात पर पड़ेगा बुरा असरः विशेषज्ञ
नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) विशेषज्ञों ने कहा है कि मेक्सिको में आयात शुल्क बढ़ाए जाने से भारत के वाहनों, वाहन कलपुर्जों, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, धातु एवं रसायन जैसे प्रमुख क्षेत्रों के निर्यात पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।
उनका कहना है कि आयात शुल्क बढ़ाने का कदम मेक्सिको को होने वाले 5.75 अरब डॉलर के भारतीय निर्यात के लगभग तीन-चौथाई हिस्से को सीधे प्रभावित करेगा। इस वजह से मेक्सिको में कारोबार करने के वाणिज्यिक तर्क पर बुनियादी असर पड़ेगा।
मेक्सिको की संसद के दोनों सदनों से पारित यह निर्णय एक जनवरी, 2026 से लागू होगा। इसके तहत उन देशों से आने वाले सामान पर पांच से 50 प्रतिशत तक का बढ़ा हुआ शुल्क लगाया जाएगा, जिनके साथ मेक्सिको का कोई मुक्त व्यापार समझौता नहीं है।
इस फैसले की जद में आने वाले देशों में भारत, चीन, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया सहित कई देश शामिल हैं।
आर्थिक शोध संस्थान ‘ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव’ (जीटीआरआई) का कहना है कि मेक्सिको में आयात शुल्क बढ़ने से वाहन और वाहन कलपुर्जों के निर्यात पर सबसे अधिक असर पड़ेगा क्योंकि भारतीय निर्यात में इनकी सबसे अधिक हिस्सेदारी है।
यात्री वाहनों के लिए शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़कर 35 प्रतिशत होने जा रहा है। वर्ष 2024-25 में भारत ने मेक्सिको को लगभग 93.8 करोड़ डॉलर मूल्य के यात्री वाहन निर्यात किए थे।
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘वाहन कलपुर्जों पर शुल्क 10-15 प्रतिशत से बढ़कर 35 प्रतिशत होने से आपूर्ति शृंखला बुरी तरह प्रभावित होगी। इसी तरह मोटरसाइकिलों पर अब 35 प्रतिशत शुल्क लगेगा। इससे भारतीय कंपनियों के लिए बिक्री, लाभ और ब्रांड उपस्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।’
इसी तरह, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद में भी बड़ा झटका लगता दिख रहा है। भारत से मेक्सिको को भेजे जाने वाले स्मार्टफोन पर अब तक कोई शुल्क नहीं था, लेकिन अगले साल से उन पर भी 35 प्रतिशत शुल्क लगेगा। यह बदलाव भारतीय मोबाइल निर्यातकों के लिए मेक्सिको का बाजार बंद होने की तरह है।
निर्यातकों के संगठन फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि इतने अधिक शुल्क से भारत की प्रतिस्पर्धा कमजोर होगी और आपूर्ति श्रृंखलाएं बाधित होंगी। यह घटना भारत और मेक्सिको के बीच एक व्यापक व्यापार समझौते को तेज़ी से आगे बढ़ाने की जरूरत को भी रेखांकित करती है।
भारत का मेक्सिको को दूसरा सबसे बड़ा निर्यात मशीनरी का है लेकिन अब इस पर शुल्क पांच-10 प्रतिशत से बढ़कर 25-35 प्रतिशत तक हो जाएगा। इससे पूंजीगत सामान की लागत बढ़ेगी और मांग घटेगी।
धातु क्षेत्र में शुल्क वृद्धि और भी कठोर है। एल्युमिनियम पर शुल्क को बढ़ाकर 25-35 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि लौह-इस्पात और उनसे बने उत्पादों पर शुल्क 15 प्रतिशत से बढ़कर 35 प्रतिशत कर दिया गया है।
श्रम-प्रधान क्षेत्रों पर भी असर पड़ेगा। परिधान और घरेलू वस्त्रों पर 20-25 प्रतिशत से बढ़कर 35 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण

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