टाटा पावर की इकाई टीपीआरएमजी के 200 छोटे ग्रिड के अगले साल तक चालू होने की उम्मीद
टाटा पावर की इकाई टीपीआरएमजी के 200 छोटे ग्रिड के अगले साल तक चालू होने की उम्मीद
(अभिषेक सोनकर)
नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) टाटा पावर की इकाई टीपी रिन्यूबल माइक्रोग्रिड (टीपीआरएमजी) का छोटे आकार के 200 ग्रिड (माइक्रोग्रिड) लगाने और उसे चालू करने का काम अगले साल तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। स्वच्छ ऊर्जा परियोजना में भागीदार ‘रॉकफेलर फाउंडेशन’ ने यह कहा।
टाटा पावर ने नवंबर 2019 में देश भर में 50 लाख घरों क बिजली पहुंचाने के लिये 10,000 छोटे ग्रिड लगाने के इरादे से टीपीआरएमजी के गठन की घोषणा की थी।
इस परियोजना में टाटा पावर की भागीदार अमेरिकी का परमार्थ संस्थान रॉकफेलर फाउंडेशन ने कहा कि वह भारत में आज तक के अपने अनुभव, ज्ञान और सफलता का उपयोग कर रहा है, ताकि बड़े पैमाने पर इस अनूठी भागीदारी को आगे बढ़ाने में मदद मिल सके।
‘रॉकफेलर फाउंडेशन’ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (बिजली पहल) अश्विन दयाल ने ई-मेल के जरिये पूछे गये सवाल के जवाब में पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘पिछले साल नवंबर में टीपीआरएमजी की शुरुआत के साथ कुछ माइक्रोग्रिड काम कर रहे हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश में अतिरिक्त माइक्रोग्रिड के निर्माण का काम जारी है। टीएमआरएमजी टीम इस पर मेहनत कर रही है और हमें 200 छोटे ग्रिड 2021 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।’’
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण परियोजना के काम पर कुछ असर पड़ा है।
दयाल ने कहा कि बिजली से वंचित या पूरी बिजली नहीं मिलने से प्रभावित दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा भारत में है। ये आबादी मुख्य रूप से बिहार और उत्तर प्रदेश में हैं जहां 40 प्रतिशत से अधिक छोटे ग्रामीण कारोबारी बिजली के लिये डीजल जनरेटर जैसे स्रोत का उपयोग करते हैं।
उन्होंने कहा कि ‘ऑफ ग्रिड’ समाधान लोगों की तत्काल बिजली जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकते हैं और यह सस्ता भी हैं। देश में ‘आफ-ग्रिड’ बिजली समाधान का अच्छा बाजार है।
‘काउंसिल ऑफ एनर्जी एनवायरनमेंट एंड वाटर’ (सीईईडब्ल्यू) के एक अध्ययन के अनुसार भारत में नवीकरणीय और स्वच्छ ऊर्जा वितरण के क्षेत्र में नवप्रवर्तन को लेकर 50 अरब डॉलर के अवसर हैं।
दयाल ने कहा कि रॉकफेलर फाउंडेशन भारत में पिछले कुछ समय से काम कर रहा है। फाउंडेशन ने 2015 में ‘स्मार्ट पावर इंडिया’ की शुरुआत की है जिससे छोटे आकार के 300 ग्रिड लगाने में मदद मिली। इन ग्रिडों को निजी कंपनियां चला रही हैं और 2.5 लाख लोगों को लाभ हुआ है।
उन्होंने कहा कि टाटा पावर के साथ मिलकर छोटे ग्रिडों के जरिये 10,000 गांवों में 2.5 करोड़ से अधिक लोगों तक बिजली पहुंचाने की योजना है।
भाषा
रमण अजय
अजय

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