नयी दिल्ली, 13 फरवरी (भाषा) गांवों और छोटे कस्बों में काम करने वाले उद्यमियों के लिए कर प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है। इसके अलावा, उन्हें ई-कॉमर्स मंचों की जानकारी के आभाव में व्यापार करने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
इसमें ग्रामीण उद्यमियों में डिजिटल उपायों और जीएसटी (माल एवं सेवा कर) की जानकारी की कमी की बात भी सामने आई।
भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट (बीवाईएसटी) की रिपोर्ट के अनुसार 43 प्रतिशत ग्रामीण उद्यमियों के समक्ष व्यापार कर को प्रबंधित करना और उसे फाइल करने की समस्या सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा, व्यापार शुरू करने की लागत, पूंजी निवेश के बारे में जागरूकता की कमी 43 प्रतिशत उद्यमियों में दिखी। वहीं 28 प्रतिशत को वस्तु एवं सेवा कर के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी।
बीवाईएसटी ने समाजिक-आर्थिक पहल के तहत भारत के 12 राज्यों में करीब 13,000 से अधिक ग्रामीण तथा छोटे कस्बों में काम करने वाले उद्यमियों पर एक अध्ययन किया। यह अध्ययन दिसंबर 2023 में पूरा हुआ।
इसमें पता चला कि 60 प्रतिशत ग्रामीण उद्यमी ही डिजिटल भुगतान के तरीकों को अपनाते हैं और सिर्फ 26 प्रतिशत ही ई-कॉमर्स मंच का लाभ उठाते हैं। इससे डिजिटल विकल्प अपनाने में बड़े अंतर का पता चलता है।
भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट (बीवाईएसटी) की संस्थापक एवं प्रबंधक ट्रस्टी लक्ष्मी वेंकटरमन ने कहा, ‘‘ इस अध्ययन का उद्देश्य उन चुनौतियों का समाधान करना है, जो ग्रामीण उद्यमियों को नए भारत में डिजिटलीकरण की क्षमता का फायदा उठाकर एक टिकाऊ उद्यम स्थापित करने और चलाने से रोकती हैं…।’’
अध्ययन में यह भी कहा गया है कि जहां पुरुषों में 36 प्रतिशत ग्रामीण उद्यमियों को अपना नया व्यापार शुरू करने में दिक्कतें आईं। वहीं महिलाओं में 44 प्रतिशत को संघर्ष करना पड़ा। सिर्फ 13 प्रतिशत महिला उद्यमी ई-वाणिज्य नेटवर्क पर हैं और 44 प्रतिशत अपने व्यापार में डिजिटल भुगतान ऐप का इस्तेमाल करती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ महिला ग्रामीण उद्यमियों को सफल बनाने के लिए विशेष कौशल और परामर्श की जरूरत है। उन्हें छोट (टियर-2) और मझोले (टियर-3) बाजारों में अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए उपयुक्त डिजिटल क्षमताओं से लैस कराना चाहिए।’’
अध्ययन में फरीदाबाद तथा गुरुग्राम (हरियाणा), सीकर (राजस्थान), उधम सिंह नगर (उत्तराखंड), रायगढ़ तथा भुवनेश्वर (ओडिशा), चेन्नई (तमिलनाडु), हैदराबाद (तेलंगाना), विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश), पुणे, औरंगाबाद, वर्धा, सतारा, कराड, सांगली, कोल्हापुर (महाराष्ट्र) और विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) के लोगों को शामिल किया गया।
भाषा निहारिका रमण
रमण
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