कोल इंडिया के 135 किलोमीटर पूर्वी-पश्चिमी रेल गलियारे के लिये निविदाएं जारी

कोल इंडिया के 135 किलोमीटर पूर्वी-पश्चिमी रेल गलियारे के लिये निविदाएं जारी

कोल इंडिया के 135 किलोमीटर पूर्वी-पश्चिमी रेल गलियारे के लिये निविदाएं जारी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:10 pm IST
Published Date: September 24, 2020 3:21 pm IST

नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने बृहस्पतिवार को कहा कि विशेष उद्देश्यीय इकाई के जरिये छत्तीसगढ़ में 135 किलोमीटर पूर्वी-पश्चिमी रेल गलियारे के निर्माण के लिये दो बड़े मूल्य की निविदाएं जारी की गई हैं। इस पर 4,970 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है।

कोल इंडिया ने एक बयान में कहा कि रेलवे लाइन तैयार हो जाने पर कंपनी की इकाई साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि. (एसईसीएल) के ओपन कास्ट खदान से 6.5 करोड़ टन कोयले की ढुलाई सुगम हो जाएगी।

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कोल इंडिया ने 2023-24 तक उत्पादन बढ़ाकर एक अरब टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

कंपनी ने कहा, ‘‘…गेवरा रोड से पेंद्रा रोड तक 135 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने को लेकर दो ऊंचे मूल्य की निविदाएं हाल में जारी की गयी हैं। इसका विकास सीईडब्ल्यूआरएल करेगी।

इंडियन रेलवे की निर्माण इकाई इरकॉन ने कार्य के लिये निविदाएं जारी की। इस महीने के पहले सप्ताह में 400 करोड़ रुपये जारी करने को लेकर भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले छह बैंकों के समूह ने कर्जदाता पुष्टि नोटिस (एलसीएन) जारी करने के बाद ये निविदाएं जारी की गयी।

सीईडब्ल्यूआरएल के लिये इंजीनियरिंग योजनाएं पहले से तैयार है और अब वित्त की व्यवस्था के बाद निविदाएं जारी की गयी हैं।

कोल इंडिया ने रेलवे लााइन के निर्माण के लिये दो विशेष उद्देश्यीय कंपनियों (एसपीवी) का गठन किया है। इन परियोजनाओं को मकसद रेलवे के जरिये एसईसीएल के छत्तीसगढ़ के ओपनकास्ट खदानों से अधिक मात्रा में कोयले को गंतव्य तक पहुंचाना है।।

बयान के अनुसार, ‘‘छत्तीसगढ़ ईस्ट वेस्ट रेलवे लि. (सीईडब्ल्यूआरएल) 135 किलोमीटर पूर्वी-पश्चिमी रेल गलियारा निर्माण करेगी। इस पर 4,970 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है। इसके अलावा 3,055 करोड़ रुपये की लागत वाली 136 किलोमीटर पूर्वी रेल गलियारा का विकास विशेष उद्देश्यीय कंपनी छत्तीसगढ़ ईस्ट रेल लि. (सीईआरएल) करेगी।’’

सीईआरएल आंशिक रूप से चालू है। सीईडब्ल्यूआरएल में एसईसीएल और कोयला मंत्रालय की 64 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जबकि इरकॉन के पास 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

इसके अलावा छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगक विकास निगम लि. के पास शेष 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

कोल इंडिया के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘परियोजना के चालू होने से पूर्वी-पश्चिमी लाइन की क्षमता 6.5 करोड़ टन कोयला ढुलाई सालाना हो जायेगी। इसके जरिये एसईसीएल के मांड-रायगढ़ और कोरबा कोलफील्ड से देश के पश्चिम और उत्तरी भागों में स्थित बिजलीघरों को कोयला मिलने में आसानी होगी।’’ रेल परियोजना 2023 तक पूरी होने का अनुमान है।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर


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