सरकार 27.5-28.5 गीगाहर्ट्ज फ्रिक्वेंसी के स्पेक्ट्रम को उपग्रह सेवाओं के लिए रख सकती है

सरकार 27.5-28.5 गीगाहर्ट्ज फ्रिक्वेंसी के स्पेक्ट्रम को उपग्रह सेवाओं के लिए रख सकती है

सरकार 27.5-28.5 गीगाहर्ट्ज फ्रिक्वेंसी के स्पेक्ट्रम को उपग्रह सेवाओं के लिए रख सकती है
Modified Date: November 29, 2022 / 08:16 pm IST
Published Date: April 29, 2022 12:26 pm IST

नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) सरकार 27.5-28.5 गीगाहर्ट्ज फ्रिक्वेंसी के स्पेक्ट्रम की नीलामी संभवत: नहीं करेगी और इस बैंड को उपग्रह सेवाओं के लिए रखेगी। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इस फ्रिक्वेंसी बैंड के लिए आधार मूल्य की सिफारिश की है और सुझाव दिया है कि इसका इस्तेमाल मोबाइल के साथ-साथ उपग्रह सेवाओं के लिए भी किया जा सकता है।

दो आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार विभाग सिर्फ 27.5 गीगाहर्ट्ज तक के स्पेक्ट्रम की नीलामी पर विचार कर रहा है क्योंकि दोनों सेवाओं के बीच इसे बांटना कठिन होगा।

 ⁠

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘ट्राई को यह जानकारी है कि 5जी और उपग्रह सेवा प्रदाताओं के लिए साथ में काम करना मुश्किल होगा। हम सिर्फ 27.5 गीगाहर्ट्ज तक की नीलामी करेंगे।’’

दूरसंचार विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभाग में अभी कई तरह की बातों पर विचार चल रहा है और अभी तक कुछ भी तय नहीं है।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) इस विषय में फैसला लेगा। यह ट्राई को अपनी प्रतिक्रिया देगा और उसके आधार पर डीसीसी अपने निर्णय लेगा। अंतिम फैसला मंत्रिमंडल का होगा। अभी तक कुछ तय नहीं है।’’

भाषा

मानसी

मानसी


लेखक के बारे में