यूपीए सरकार में इन कं​पनियों को दिए गए लोन हुए डिफाल्ट, वित्तमंत्री ने कहा YES BANK ग्राहकों को घबराने की जरूरत नही | The loans given to these companies defaulted in the UPA government, the Finance Minister said, YES BANK customers need not panic.

यूपीए सरकार में इन कं​पनियों को दिए गए लोन हुए डिफाल्ट, वित्तमंत्री ने कहा YES BANK ग्राहकों को घबराने की जरूरत नही

यूपीए सरकार में इन कं​पनियों को दिए गए लोन हुए डिफाल्ट, वित्तमंत्री ने कहा YES BANK ग्राहकों को घबराने की जरूरत नही

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : March 6, 2020/5:07 pm IST

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक द्वारा यस बैंक के बोर्ड को भंग करने और जमा खाताधारकों की निकासी सीमा तय करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कहा है कि बैंक की 2017 से निगरानी की जा रही थी और इससे संबंधित गतिविधियों की हर दिन निगरानी की गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से यह पता लगाने के लिए कहा है कि यस बैंक में क्या गलत हुआ और इसमें व्यक्तिगत स्तर पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

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उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 2017 से बैंक में प्रशासन संबंधी मसले, कमजोर अनुपालन, गलत परिसंपत्ति वर्गीकरण जैसी स्थितियों को पाया। उन्होंने कहा कि कर्ज के जोखिम भरे फैसलों का पता चलने के बाद रिजर्व बैंक ने यस बैंक प्रबंधन में बदलाव का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि ये फैसले बैंक के हित में किए गए और सितंबर 2018 में एक नए सीईओ की नियुक्ति हुई। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों को भी यस बैंक में अनियमितताओं का पता चला।

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उन्होंने कहा कि पुनर्गठन योजना 30 दिनों में पूरी तरह प्रभावी हो जाएगी और एसबीआई ने यस बैंक में निवेश करने की इच्छा जताई है। वित्त मंत्री ने यस बैंक के कर्मचारियों की नौकरी, वेतन एक साल तक सुरक्षित रहने का आश्वासन दिया गया है। उन्होंने कहा कि अनिल अंबानी समूह, एस्सेल, डीएचएफएल, आईएलएफएस, वोडाफोन उन संकटग्रस्त कंपनियों में शामिल हैं, जिन्हें यस बैंक ने कर्ज दिया था।

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यस बैंक को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि रिजर्व बैंक ने कहा कि स्ट्रैटिजिक इन्वेस्टर्स बैंक 49 प्रतिशत की इक्विटी लगाएंगे। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि स्ट्रैटिजिक इन्वेस्टर्स बैंक तीन साल से पहले यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी को 26 प्रतिशत से नीचे नहीं ला सकेंगे। यस बैंक ने अनिल अंबानी, एसेल ग्रुप, डीएचएफएल, वोडाफोन जैसी कंपनियों को लोन दिया जो डिफॉल्ट हुए हैं। ये सभी मामले 2014 से पहले के हैं जिस समय यूपीए सत्ता में थी।

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