चंडीगढ़, 15 मई (भाषा) पंजाब सरकार धान की पराली आधारित बॉयलर लगाने के लिए उद्योगों को पूंजीगत सब्सिडी देगी। कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने बृहस्पतिवार को यहां यह जानकारी दी।
उद्योग और वाणिज्य मंत्री सोंद ने कहा कि राज्य सरकार ने बॉयलर में ईंधन के रूप में धान पराली का उपयोग करने वाले उद्योगों को समर्थन देने के लिए पूंजीगत सब्सिडी के रूप में 60 करोड़ रुपये धनराशि का निर्धारण किया है।
उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल उद्योगों में ईंधन के रूप में धान के अवशेषों के उपयोग को बढ़ावा देगा और धान की पराली के प्रबंधन में मदद करेगा, बल्कि धान उत्पादकों की आय में भी वृद्धि करेगा।
सोंद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने उद्योगों से अपने बॉयलर में धान की पराली का उपयोग करने के लिए कहा है।’’
इस कदम से बॉयलर चलाने के लिए ईंधन के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले कोयले पर उद्योगों की निर्भरता को कम करने में भी मदद मिलेगी।
योजना का ब्योरा देते हुए सोंद ने कहा कि राज्य सरकार आठ टन क्षमता वाले धान पराली पर आधारित नए बॉयलर की स्थापना के लिए एक करोड़ रुपये की पूंजी सब्सिडी और 16 टन क्षमता वाले बॉयलर के लिए दो करोड़ रुपये की सब्सिडी देगी।
उन्होंने कहा कि मौजूदा बॉयलर को आठ टन क्षमता वाले धान पराली पर आधारित बॉयलर में बदलने के लिए 50 लाख रुपये और 16 टन क्षमता वाले बॉयलर के लिए एक करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
मंत्री ने कहा कि सरकार ने उद्योगों को बॉयलर में ईंधन के रूप में 80 प्रतिशत धान की पराली के साथ 20 प्रतिशत जैव ईंधन का उपयोग करने की भी अनुमति दी है।
एक प्रश्न के उत्तर में सोंड ने कहा कि पूंजी सब्सिडी योजना की शुरुआत के साथ, उद्योगों को खेतों से धान की पराली लाने और इसे अपनी इकाइयों में ईंधन के रूप में उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने मार्च में अपने बजट में धान पराली पर आधारित बॉयलर अपनाने वाले उद्योगों को समर्थन देने के लिए 60 करोड़ रुपये की पूंजी सब्सिडी देने की प्रतिबद्धता जताई थी।
भाषा राजेश राजेश अजय
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