प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक में सेबी निदेशक मंडल में 15 सदस्यों का प्रावधान

प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक में सेबी निदेशक मंडल में 15 सदस्यों का प्रावधान

प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक में सेबी निदेशक मंडल में 15 सदस्यों का प्रावधान
Modified Date: December 18, 2025 / 07:36 pm IST
Published Date: December 18, 2025 7:36 pm IST

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) लोकसभा में बृहस्पतिवार को पेश किए गए प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक का उद्देश्य भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियामकीय व्यवस्था को मजबूत करना है। इस क्रम में सेबी के निदेशक मंडल में सदस्यों की संख्या नौ से बढ़ाकर 15 करने का भी प्रावधान किया गया है।

इस विधेयक का मकसद किसी भी अधीनस्थ कानून को पारदर्शी और परामर्श आधारित प्रक्रिया से लागू करना है।

विधेयक में पूंजी बाजार नियामक सेबी के बोर्ड सदस्य को हटाए जाने का नया आधार भी जोड़ा गया है। अगर सदस्य ने कोई वित्तीय या अन्य हित अर्जित किया हो जो उसके कर्तव्यों पर प्रभाव डाल सकता है तो उसे हटाने का प्रावधान किया गया है।

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इसके अलावा सेबी के सदस्यों को किसी भी ‘प्रत्यक्ष या परोक्ष’ हित की जानकारी देना जरूरी होगा, जिसमें परिवार के सदस्यों के भी हित शामिल हैं। यदि ऐसे हित से जुड़ा मुद्दा बोर्ड के समक्ष रखा गया हो तो सदस्य को बैठक में भाग लेने से परहेज करना होगा।

इस विधेयक को आगे के परामर्श के लिए स्थायी समिति को भेज दिया गया है।

यह विधेयक बाजार नियामक सेबी को कुछ अतिरिक्त कार्य भी सौंपने का प्रस्ताव करता है। इनमें प्रदर्शन और कार्यप्रणाली की समीक्षा, नियमों की प्रभावशीलता और आनुपातिकता का मूल्यांकन, कर्मचारियों का क्षमता निर्माण, शोध और समय-समय पर अध्ययन शामिल हैं।

इसके अलावा सेबी को कुछ पंजीकरण कार्य बाजार अवसंरचना संस्थानों (एमआईआई) और स्व-नियामकीय संगठनों (एसआरओ) को सौंपने का अधिकार मिलेगा।

यह विधेयक तीन प्रमुख कानूनों- प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, 1956; सेबी अधिनियम, 1992 और डिपॉजिटरी अधिनियम, 1996 को एकीकृत, तर्कसंगत और प्रतिस्थापित करने का प्रयास करता है।

इस विधेयक में सिद्धांत-आधारित नियम लागू करके अनुपालन बोझ कम करने, नियामकीय शासन सुधारने और प्रौद्योगिकी-संचालित प्रतिभूति बाजारों की गतिशीलता बढ़ाने का लक्ष्य है।

विधेयक के मुताबिक, सेबी का निदेशक मंडल एक ‘नियामकीय सैंडबॉक्स’ के गठन का फैसला कर सकता है जहां पर वित्तीय उत्पादों और सेवाओं में नवाचार को लागू करने के पहले परीक्षण किया जाएगा।

इसमें निवेशकों के हित की रक्षा, शिक्षा और शिकायत निवारण को समयबद्ध रूप से सुनिश्चित करने के प्रावधान भी किए गए हैं।

इसके अलावा सेबी और अन्य वित्तीय नियामकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए व्यवस्था बनाने और शेयर बाजारों पर अन्य विनियमित साधनों को सूचीबद्ध होने की सुविधा देने का प्रावधान भी इस विधेयक में है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण


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