दिल्ली-एनसीआर में खराब हवा गुणवत्ता के लिये तापीय बिजली संयंत्र जिम्मेदार नहीं: एनटीपीसी

दिल्ली-एनसीआर में खराब हवा गुणवत्ता के लिये तापीय बिजली संयंत्र जिम्मेदार नहीं: एनटीपीसी

दिल्ली-एनसीआर में खराब हवा गुणवत्ता के लिये तापीय बिजली संयंत्र जिम्मेदार नहीं: एनटीपीसी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:03 pm IST
Published Date: November 8, 2020 3:16 pm IST

नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) सरकारी बिजली कंपनी एनटीपीसी ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (दिल्ली एनसीआर) में हवा की खराब गुणवत्ता के लिये तापीय बिजली संयंत्र जिम्मेदार नहीं हैं।

एनटीपीसी ने एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के मौजूदा दौर में एनसीआर में हवा की खराब गुणवत्ता स्वास्थ्य को लेकर सबसे गंभीर चुनौती है। वाहनों के उत्सर्जन, निर्माण गतिविधियों, सड़क की धूल, औद्योगिक उत्सर्जन और आसपास के राज्यों में जलने वाले सभी कृषि-अपशिष्ट (पराली) धुएं में योगदान दे रहे हैं। इससे स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा प्रणाली पर गंभीर प्रभाव पड़ने का खतरा है।

उसने कहा कि कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को अक्सर बढ़ते प्रदूषण के लिये जिम्मेदार बताया जाता रहा है, जो हमेशा सही नहीं हो सकता है। दादरी (एनटीपीसी प्लांट) की कोयला आधारित इकाइयां अक्टूबर से बंद हैं, लेकिन एनसीआर की वायु गुणवत्ता और इसका सूचकांक (एक्यूआई) दिन-ब-दिन बिगड़ता जा रहा है।

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एनटीपीसी ने कहा, ‘‘जब इस साल लॉकडाउन के दौरान व्यावहारिक तौर पर कोई उत्सर्जन नहीं था, ये संयंत्र परिचालन में थे। वास्तव में, जब उत्सर्जन की बात आती है, तो दादरी कोयला संयंत्र न केवल एनटीपीसी बल्कि पूरे देश में सबसे स्वच्छ है।’’

उसने कहा कि एनटीपीसी दादरी पावर स्टेशन की सभी इकाइयां उत्सर्जन नियंत्रित करने के लिये अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों से लैस हैं। उचित वायु गुणवत्ता की हमेशा निगरानी करने के लिये निरंतर उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (सीईएमएस) और निरंतर परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन (सीएएक्यूएमएस) लगाये गये हैं।

एनटीपीसी ने कहा कि उसके दादरी संयंत्र ने पिछले दो साल में आठ हजार टन से अधिक पराली की खपत की है, जिससे करीब चार हजार एकड़ खेतों में पराली के जलने से रोका जा सका है।

भाषा सुमन मनोहर

मनोहर


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