ट्राई ने पूर्वोत्तर भारत में दूरसंचार ढांचा को बढ़ावा देने की सिफारिश की

ट्राई ने पूर्वोत्तर भारत में दूरसंचार ढांचा को बढ़ावा देने की सिफारिश की

ट्राई ने पूर्वोत्तर भारत में दूरसंचार ढांचा को बढ़ावा देने की सिफारिश की
Modified Date: September 23, 2023 / 06:34 pm IST
Published Date: September 23, 2023 6:34 pm IST

नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) दूरसंचार नियामक ट्राई ने देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में दूरसंचार बुनियादी ढांचे को बेहतर करने के लिए विभिन्न उपायों की सिफारिश की है। इनमें राज्य सरकारों की संबंधित ‘रास्ते के अधिकार’ नीतियों को केंद्रीय नियमों के अनुरूप बनाने के लिए बातचीत करने का सुझाव दिया गया है।

नियामक ने साथ ही उपयोगिता शुल्क पर प्राथमिकता के आधार पर दूरसंचार साइटों को बिजली के प्रावधान का समर्थन किया है।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में दूरसंचार संपर्क में सुधार के लिए सरकार द्वारा कई पहल की गई हैं। फिर भी, उच्च गति वाले मोबाइल-आधारित इंटरनेट और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की कमी है, जिसका मुख्य कारण अपर्याप्त ट्रांसमिशन बैंडविड्थ (ऑप्टिकल फाइबर, माइक्रोवेव और उपग्रह) है।

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नियामक ने विज्ञप्ति में कहा, “पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य विभिन्न कारणों से एक महत्वपूर्ण डिजिटल विभाजन से जूझ रहे हैं। इनमें दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियां, बिजली की खराब उपलब्धता, पारेषण से संबंधित सीमाएं और रास्ते के अधिकार (आरओडब्ल्यू) से संबंधित मुद्दे हैं।”

पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा राज्य शामिल हैं। ये मिलकर पूर्वी हिमालय क्षेत्र का हिस्सा बनते हैं।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय


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