यूआईडीएआई आधार-आधारित सत्यापन चाहने वाली संस्थाओं के पंजीकरण को अनिवार्य करने वाला नया नियम लाएगी

यूआईडीएआई आधार-आधारित सत्यापन चाहने वाली संस्थाओं के पंजीकरण को अनिवार्य करने वाला नया नियम लाएगी

यूआईडीएआई आधार-आधारित सत्यापन चाहने वाली संस्थाओं के पंजीकरण को अनिवार्य करने वाला नया नियम लाएगी
Modified Date: December 7, 2025 / 08:55 pm IST
Published Date: December 7, 2025 8:55 pm IST

नयी दिल्ली, सात दिसंबर (भाषा) होटल, ‘इवेंट ऑर्गेनाइजर’ आदि संस्थाओं द्वारा ग्राहकों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी लेकर उसे कागजी रूप में रखने की प्रथा को रोकने के लिए जल्द ही नया नियम जारी किया जाएगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी।

यह प्रथा वर्तमान आधार अधिनियम का उल्लंघन है।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) भुवनेश कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि प्राधिकरण ने एक नया नियम मंजूर किया है, जिसके तहत होटल, ‘इवेंट ऑर्गेनाइजर’ आदि संस्थाओं को आधार-आधारित सत्यापन के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।

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उन्होंने बताया कि पंजीकृत संस्थाओं को नई प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वे क्यूआर कोड स्कैन करके या आधार के नए ऐप के माध्यम से सत्यापित कर सकेंगी।

कुमार ने कहा, ‘इस नियम को बहुत जल्द अधिसूचित किया जाएगा। इसका उद्देश्य कागजी आधार सत्यापन को पूरी तरह रोकना है।’

ऑफलाइन सत्यापन करने वाली संस्थाओं को एपीआई (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके जरिए वे अपने सिस्टम को आधार सत्यापन के लिए अपडेट कर सकेंगी।

यूआईडीएआई एक नए ऐप का बीटा-परीक्षण कर रहा है, जो प्रत्येक आधार सत्यापन के लिए केंद्रीय डेटाबेस से जुड़े बिना सीधे ऐप से ऐप तक पहचान की जांच करने की सुविधा देगा।

बीटा-परीक्षण एक ऐसा परीक्षण होता है जिसमें किसी नये सॉफ्टवेयर, ऐप या तकनीक का सामान्य उपयोगकर्ताओं के लिए पूरी तरह से पेश करने से पहले सीमित लोगों के बीच इस्तेमाल किया जाता है। इसका उद्देश्य यह देखना होता है कि ऐप या सॉफ्टवेयर वास्तविक परिस्थितियों में सही काम कर रहा है या नहीं और इसमें कोई त्रुटि तो नहीं है।

नये ऐप का इस्तेमाल हवाई अड्डों, उम्र-प्रतिबंधित उत्पाद बेचने वाली दुकानों आदि जगहों पर भी किया जा सकेगा।

कुमार ने कहा, ‘सत्यापन में यह सुगमता ऑफलाइन सत्यापन को कागज-रहित बनाएगी, साथ ही उपभोक्ताओं की गोपनीयता पूरी तरह सुरक्षित रहेगी और आधार की जानकारी के लीक होकर दुरुपयोग होने का कोई जोखिम नहीं रहेगा।’

नया ऐप आधार प्रमाणीकरण सेवा को डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम के पूरी तरह अनुरूप बनाएगा, जो अगले 18 महीनों में पूर्ण रूप से लागू हो जाएगा।

भाषा योगेश प्रशांत

प्रशांत


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