Union Budget 2023 : बजट से पहले वित्तमंत्री ने ‘टैक्स पेयर्स’ को दिया बड़ा झटका, अब नहीं मिल पाएगा ये फायदा..!
Union Budget 2023 : बढ़ती महंगाई के दौर में इनकम टैक्स रिबेट की लिमिट बढ़ाने पर लोगों के हाथ में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा रहेगा। स्टैंडर्ड डिडक्शन भी 50,000 से बढ़ाकर 75,000 तक किया जा सकता है। नौकरीपेशा 80सी के तहत मिलने वाली निवेश सीमा की लिमिट बढ़ाने की भी मांग कर रहा है।
Budget for Private employees
Union Budget 2023 : नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को आम बजट पेश करेंगी। लोकसभा चुनाव से पहले पेश होने वाले बजट से इस बार नौकरीपेशा से लेकर किसानों तक कई घोषणाएं होने की उम्मीद है। पिछले कुछ सालों में सरकार की तरफ से बजट के दौरान कुछ बदलाव किए गए हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है। ऐसे में सरकार इसमें देशवासियों को आकर्षित करने की कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी, लेकिन बजट से उम्मीद के बीच सबसे ज्यादा चर्चा टैक्स स्लैब और आयकर छूट की सीमा बढ़ने पर हो रही है।
80C के तहत मिलने वाली निवेश सीमा बढ़ाने की मांग
Union Budget 2023 : विशेषज्ञों को उम्मीद है सरकार की तरफ से इस बार आयकर छूट की सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर तीन से पांच लाख रुपये तक किया जा सकता है। बढ़ती महंगाई के दौर में इनकम टैक्स रिबेट की लिमिट बढ़ाने पर लोगों के हाथ में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा रहेगा। स्टैंडर्ड डिडक्शन भी 50,000 से बढ़ाकर 75,000 तक किया जा सकता है। नौकरीपेशा 80सी के तहत मिलने वाली निवेश सीमा की लिमिट बढ़ाने की भी मांग कर रहा है। इसके अलावा पीपीएफ में जमा किए जाने वाले पैसे की लिमिट बढ़ाने की भी मांग की जा रही है, लेकिन क्या आपको जानकारी है कि पिछले दिनों किए गए बदलाव के बाद टैक्स पेयर्स को 80सी के तहत मिलने वाली छूट का फायदा मिलना बंद हो गया है।
नए टैक्स स्लैब में डिडक्शन क्लेम नहीं
Union Budget 2023 : दरअसल, सरकार की तरफ से 2020-21 के बजट में पारंपरिक टैक्स व्यवस्था से अलग वैकल्पिक आयकर व्यवस्था शुरू की गई। इसे न्यू टैक्स रिजीम कहा गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों कहा था कि ओल्ड टैक्स रिजीम निम्न आय वर्ग के लिए उपयोगी है। इसमें 7-10 तरह से टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं, लेकिन नए टैक्स स्लैब में आप किसी प्रकार का डिडक्शन क्लेम नहीं कर सकते। इस व्यवस्था में ओल्ड टैक्स रिजीम से ज्यादा टैक्स स्लैब हैं।
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आयकर के अलग-अलग सात स्लैब
Union Budget 2023 : न्यू टैक्स रिजीम में ढाई लाख तक की आय टैक्स फ्री है। इसके बाद इसमें आयकर के अलग-अलग सात स्लैब हैं। इसमें आप 80सी, 80डी, मेडिकल इंश्योरेंस, हाउसिंग लोन आदि किसी पर टैक्स छूट का दावा नहीं कर सकते। इसमें 15 लाख तक की आय पर 25 प्रतिशत और 15 लाख से ज्यादा इनकम पर 30 प्रतिशत का टैक्स देना होता है। न्यू टैक्स सिस्टम में किराये पर स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। इसके अलावा खेती से होने वाली आमदनी, PPF के ब्याज, बीमा की मैच्योरिटी की रकम, डेथ क्लेम, छंटनी पर मिला मुआवजा, रिटायरमेंट पर लीव इनकैशमेंट आदि पर आयकर से छूट प्राप्त है।
न्यू टैक्स रिजीम
2.5 लाख तक की आय—-0% टैक्स
2,50,001 से 5 लाख रुपये तक की आय—-5% टैक्स
5,00,001 से 7.5 लाख रुपये तक की आय—-10% टैक्स
7,50,001 से 10 लाख रुपये तक की आय—-15% टैक्स
10,00,001 से 12.5 लाख रुपये तक की आय—-20% टैक्स
12,50,001 से 15 लाख रुपये तक—-25% टैक्स
15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर—-30% टैक्स

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