व्यापार समझौते पर अगले दौर की वार्ता के लिए अमेरिकी दल अगस्त में भारत आएगा

व्यापार समझौते पर अगले दौर की वार्ता के लिए अमेरिकी दल अगस्त में भारत आएगा

व्यापार समझौते पर अगले दौर की वार्ता के लिए अमेरिकी दल अगस्त में भारत आएगा
Modified Date: July 21, 2025 / 04:14 pm IST
Published Date: July 21, 2025 4:14 pm IST

नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) भारत के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर अगले दौर की वार्ता के लिए अमेरिकी दल अगस्त में भारत का दौरा करेगा। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा, ‘‘अगले दौर की वार्ता के लिए अमेरिकी टीम अगस्त के उत्तरार्ध में भारत आएगी।’’

भारत और अमेरिका के प्रतिनिधिमंडलों ने पिछले सप्ताह वाशिंगटन में समझौते के लिए पांचवें दौर की वार्ता पूरी की थी।

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भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और अमेरिका के दक्षिण एवं पश्चिम एशिया क्षेत्र के सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने इस वार्ता में अपने-अपने देशों के दल की अगुवाई की।

दोनों देश एक अगस्त से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिशों में लगे हुए हैं। अमेरिकी प्रशासन ने भारत सहित कई देशों पर उच्च सीमा शुल्क लगाए हुए हैं जिनकी निलंबन अवधि एक अगस्त को खत्म होने वाली है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस वर्ष दो अप्रैल को उच्च जवाबी शुल्कों की घोषणा की थी। इस दौरान भारत पर 26 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया गया था। हालांकि, कुछ दिन बाद ही इस शुल्क को 90 दिन के लिए यानी नौ जुलाई तक स्थगित कर दिया गया था। बाद में इसे एक अगस्त तक टाल दिया गया।

प्रस्तावित व्यापार समझौते पर पांचवें दौर की वार्ता में कृषि और वाहन क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान गैर-बाजार अर्थव्यवस्थाओं और स्कोमेट (विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकी) से संबंधित मामलों पर भी चर्चा हुई।

अधिकारी ने भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौता एक अगस्त से पहले संपन्न होने की संभावना पर कहा कि इस बारे में बातचीत जारी है।

दरअसल, भारत ने कृषि और डेयरी उत्पादों पर शुल्क रियायतों की अमेरिकी मांग को लेकर अपना रुख कड़ा कर लिया है। भारत ने अबतक किसी भी देश के साथ व्यापार समझौते में डेयरी क्षेत्र में कोई शुल्क रियायत नहीं दी है।

कुछ किसान संघों ने सरकार से व्यापार समझौते में कृषि से संबंधित किसी भी मुद्दे को शामिल न करने का आग्रह किया है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय


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