डब्ल्यूजीसी, जीजेईपीसी ने भारत में सोने के आभूषणों को बढ़ावा देने के लिए समझौता किया

डब्ल्यूजीसी, जीजेईपीसी ने भारत में सोने के आभूषणों को बढ़ावा देने के लिए समझौता किया

डब्ल्यूजीसी, जीजेईपीसी ने भारत में सोने के आभूषणों को बढ़ावा देने के लिए समझौता किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:52 pm IST
Published Date: July 12, 2021 11:10 am IST

नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा) विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) और रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने इस साल भारत में सोने के आभूषणों को बढ़ावा देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। एक बयान में यह जानकारी दी गई है। जीजेईपीसी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि समझौते के तहत, दोनों साझेदार संयुक्त रूप से एक मल्टी-मीडिया मार्केटिंग अभियान के लिए धन देंगे, जिसका उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं, विशेषकर नई पीढ़ी के बीच सोने के आभूषणों के बारे में जागरूकता, प्रासंगिकता और उसे अपनाने पर जोर होगा। .

एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, बयान में कहा गया है कि हालांकि युवा महिलाएं सक्रिय सोने के आभूषण उपभोक्ता हैं, पर इस तरह के प्रयासों से भविष्य में उनका आभूषण खरीद का झुकाव और बढ़ सकता है। परिषद का कहना है कि खास कर शहरी क्षेत्रों में यदि स्वर्ण आभूषण व्यापारी उपभोक्ताओं की आत्म-अभिव्यक्ति और प्रतिष्ठा प्राप्त करने की इच्छा को समझ कर काम करें तो स्वण आभूषणा की मांग को प्रोत्साहित किया जा सकता है। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी)के भारत के क्षेत्रीय (पीआर) सोमसुंदरम ने कहा कि दोनों निकाय एक ऐसे अभियान पर एक साथ काम करेंगे जो सोने के बारे में एक सार्वभौमिक संदेश दे और लोगों को अपने जीवन में विशेषकर आधुनिकता के संदर्भ में भारत में हाथ के बने स्वर्ण आभूषण अपनाने को प्रेरित करे। जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा कि इसका उद्देश्य स्वर्ण आभूषणों का विकास और भारत में खपत को बढ़ावा देने के उद्योग नीत पहल के लिए एक स्थायी मॉडल विकसित करना है। शाह ने कहा, ‘‘मेरा मानना ​​है कि हस्तशिल्प वाले स्वर्ण आभूषणों में एक नई रुचि पैदा हुई है, लेकिन हमें समकालीन महिलाओं की सौंदर्य संबंधी संवेदनाओं से मेल रखने के लिए रचनात्मक समाधान ढूंढने की आवश्यकता है।’’भाषा राजेश राजेश मनोहरमनोहर

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