Wipro Share price: ब्रोकरेज की निगेटिव रेटिंग से टूटा दिग्गज शेयर, निवेशकों की बढ़ी बेचने की होड़ – NSE: WIPRO, BSE: 507685

Wipro Share price: ब्रोकरेज की निगेटिव रेटिंग से टूटा दिग्गज शेयर, निवेशकों की बढ़ी बेचने की होड़

Wipro Share price: ब्रोकरेज की निगेटिव रेटिंग से टूटा दिग्गज शेयर, निवेशकों की बढ़ी बेचने की होड़ – NSE: WIPRO, BSE: 507685

(Wipro Share price, Image Source: IBC24)

Modified Date: April 19, 2025 / 06:29 pm IST
Published Date: April 19, 2025 6:29 pm IST
HIGHLIGHTS
  • विप्रो को नुवामा और च्वाइस ब्रोकिंग ने डाउनग्रेड किया
  • टारगेट प्राइस 300 से घटाकर 252-280 रुपये के बीच किया गया
  • तिमाही मुनाफा 25.9% बढ़कर 3,569 करोड़ रुपये हुआ

Wipro Share price: देश की दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो लिमेटेड को लेकर अब एक्सपर्ट्स थोड़े सतर्क हो गए हैं। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कंपनी के शेयर को डाउनग्रेड करते हुए इसे ‘HOLD’ की रेटिंग दी है और इसका टारगेट प्राइस 300 रुपये से घटाकर 260 रुपये कर दिया है। इसी तरह च्वाइस ब्रोकिंग ने भी रेटिंग को ‘कम’ कर दिया है और नया टारगेट 252 रुपये रखा है। इसका मतलब है कि एक्सपर्ट्स फिलहाल इस शेयर में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं कर रहे हैं।

विदेशी ब्रोकरेज हाउस की राय

नोमुरा होल्डिंग्स (जापान) ने भले ही अपनी ‘BUY’ की राय बरकरार रखी है, लेकिन उसने भी टारगेट प्राइस 300 से घटाकर 280 रुपये कर दिया है। वहीं, इंटरनेशनल ब्रोकरेज बर्नस्टीन ने विप्रो पर अपनी ‘Underperform’ रेटिंग बरकरार रखते हुए टारगेट 200 रुपये रखा है। गुरुवार को विप्रो का शेयर 4.14% गिरकर 237.40 रुपये पर बंद हुआ। शुक्रवार को बाजार बंद था, इसलिए अब सबकी नजर सोमवार के बाजार पर रहेगी।

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तिमाही नतीजे में मुनाफा बढ़ा, आय में हल्की तेजी

जनवरी से मार्च 2025 की तिमाही में विप्रो का मुनाफा 25.9% बढ़कर 3,569.9 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल इसी तिमाही में यह मुनाफा 2,834.6 करोड़ रुपये था। हालांकि, कंपनी की आय केवल 1.33% बढ़ी और यह 22,504.2 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल 22,208.3 करोड़ रुपये थी। पिछले तिमाही (Q3) के मुकाबले भी मुनाफा और आय में मामूली बढ़ोतरी हुई है।

अमेरिका की नीतियों से खतरे की आशंका

हाल के हफ्तों में अमेरिका की तरफ से टैरिफ में बदलाव और व्यापार नीति में सख्ती ने दुनिया भर के बाजारों को प्रभावित किया है। IT सेक्टर के कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका की संभावित मंदी और व्यापार युद्ध के डर से आईटी सर्विसेज की मांग पर असर पड़ सकता है। चूंकि विप्रो की आय का बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है, इसलिए कंपनी के प्रदर्शन पर भी असर पड़ सकता है।

क्या करें निवेशक?

विप्रो के नतीजे मुनाफे के लिहाज से अच्छे रहे हैं, लेकिन कमजोर आय ग्रोथ और बाजार की अनियमितता ने ब्रोकरेज को सतर्क कर दिया है। जो निवेशक लॉन्ग टर्म के लिए सोच रहे हैं उन्हें फिलहाल रेटिंग्स और बाजार रूझान को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने चाहिए। आने वाले हफ्तों में अमेरिका की नीतियों और ग्लोबल मार्केट ट्रेड पर नजर रखना जरूरी होगा।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।