एफटीए के तहत ओमान में शून्य शुल्क पहुंच से सूरत, पुणे, तिरुपुर से निर्यात बढ़ेगा

एफटीए के तहत ओमान में शून्य शुल्क पहुंच से सूरत, पुणे, तिरुपुर से निर्यात बढ़ेगा

एफटीए के तहत ओमान में शून्य शुल्क पहुंच से सूरत, पुणे, तिरुपुर से निर्यात बढ़ेगा
Modified Date: December 19, 2025 / 10:09 pm IST
Published Date: December 19, 2025 10:09 pm IST

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौते से सूरत से आभूषण, पुणे से इंजीनियरिंग सामान, तिरुपुर से कपड़ों और विशाखापत्तनम से समुद्री उत्पादों के निर्यात को ओमान में बढ़ावा मिलेगा। इस समझौते के तहत इन सामानों को अब बिना शुल्क पहुंच मिलेगी।

दोनों देशों ने 18 दिसंबर को व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए। इसके अगले तीन महीनों के भीतर लागू होने की संभावना है।

इस समझौते के तहत, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना सहित राज्यों के आईटी व आईटी आधारित सेवा पेशेवरों और अन्य व्यापार सेवा प्रदाताओं को भी ओमान में निर्यात बढ़ाने के बड़े अवसर मिलेंगे।

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इसके अलावा, मुरादाबाद से पीतल के बर्तन और धातु के हस्तशिल्प, कानपुर-आगरा से चमड़े के जूते, भदोही-मिर्जापुर से कालीन और होम टेक्सटाइल, इडुक्की/वायनाड से मूल्यवर्धित मसाले, तिरुपति से चुनिंदा इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद और वेल्लोर-अंबूर के चमड़े के जूते को भी शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी।

सीईपीए के तहत, ओमान ने अपनी 98.08 प्रतिशत ‘टैरिफ लाइनों’ पर शून्य शुल्क पहुंच की सुविधा दी है। इसमें ओमान को भारत के निर्यात का 99.38 प्रतिशत शामिल है। यह वर्ष 2024-25 में 4.1 अरब डॉलर था।

रत्न और आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, जूते, खेल के सामान, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरण और ऑटोमोबाइल सहित सभी प्रमुख श्रम-गहन क्षेत्रों को पूरी तरह से शुल्क खत्म होने से फायदा होगा।

इस समझौते से जिन कृषि उत्पादों को काफी फायदा होगा, उनमें मांस (उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार), अंडे (तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र), मीठे बिस्कुट (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, उत्तर प्रदेश) ​​और चीनी कन्फेक्शनरी (कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र) शामिल हैं।

पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और उत्तर-पूर्वी राज्यों से शहद के निर्यात को भी इस समझौते से बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

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