Gangster Aman Saw Encounter News: एनकाउंटर के बाद गैंगस्टर अमन साव की पहली तस्वीर आई सामने, आप भी देखें यहां
Gangster Aman Saw Encounter News: झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया गया।
Gangster Aman Saw Encounter News/ Image Credit: IBC24
- झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया गया।
- रांची पुलिस अमन साव को रायपुर जेल से झारखंड लेकर आ रही थी।
- इस दौरान मुठभेड़ हुई और मुठभेड़ में पुलिस जवानों ने गैंगस्टर अमन साव को मार गिराया।
रायपुर: Gangster Aman Saw Encounter News: झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया गया। जानकारी के मुताबिक रांची पुलिस अमन साव को रायपुर जेल से झारखंड लेकर आ रही थी। इसी दौरान रामगढ़ के पास इसी दौरान पुलिस का वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गया और अमन साव मौके का फायदा उठाकर पुलिस की राइफल लूट ली और भागने लगा। पुलिस ने जब अमन को रोकने के लिए गोली चलाई, तब अमन में भी गोली चलाई और मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में पुलिस जवानों ने गैंगस्टर अमन साव को मार गिराया।
वहीं अब घटनास्थल की पहली तस्वीर सामने आ चुकी है। पुलिस ने जहां अमन साव का एनकाउंटर किया है उस जगह की तस्वीर अब सामने आ है। सामने आई तस्वीर में अमन साव जमीन पर पड़ा हुआ है और उसके हाथ में पुलिस का ऑटोमैटिक हथियार है। यह तस्वीर एनकाउंटर के तुरंत बाद की है।
कौन था अमन साव
Gangster Aman Saw Encounter News: अमन साव ने 12वीं पास करने के बाद डिप्लोमा की पढ़ाई की। इसके बाद उसने एक मोबाइल की दुकान खोली। इसी दौरान वह कुछ अपराधियों के संपर्क में आ गया और खुद का ही एक साम्राज्य खड़ा करने की होड़ में बढ़ने लगा। गैंगस्टर अमन साव के खिलाफ झारखंड सहित देशभर में 100 से अधिक मामले दर्ज थे। वह रांची के छोटे से गांव मतबे का रहने वाला था और उसका गिरोह झारखंड के कई जिलों में सक्रिय था। अमन साव का गिरोह रांची, रामगढ़, चतरा, धनबाद, हजारीबाग, पलामू, लातेहार और बोकारो में रंगदारी मांगने के लिए कुख्यात था। गिरोह कोल माइनिंग कंपनियों, कोयला व्यवसायियों, ट्रांसपोर्टरों, बिल्डरों, ठेकेदारों और कारोबारियों को धमकी देकर रंगदारी वसूलता था।
अगर रंगदारी नहीं मिलती थी तो गिरोह के गुर्गे उन कारोबारियों के दफ्तरों पर फायरिंग कर धमकाते या उन्हें गोली मार देते थे। पिछले 6 महीनों में रंगदारी मांगने और गोली चलाने के आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हुए थे। अमन गिरोह के खौफ से कई कारोबारियों ने घर से बाहर निकलना तक कम कर दिया था। उन्हें लगातार इस बात का डर रहता था कि कहीं उन पर हमला न हो जाए।

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