शह मात The Big Debate: हिडमा के यार..देश के गद्दार! हिडमा के समर्थक बढ़ रहे या बढ़ाए जा रहे? देखें रिपोर्ट

CG Politics: हिडमा के यार..देश के गद्दार! हिडमा के समर्थक बढ़ रहे या बढ़ाए जा रहे? देखें रिपोर्ट

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  • Publish Date - November 24, 2025 / 11:40 PM IST,
    Updated On - November 24, 2025 / 11:40 PM IST

CG Politics

HIGHLIGHTS
  • दिल्ली प्रदूषण प्रदर्शन में अचानक हिडमा के पोस्टर और नारे गूंजे
  • पुलिस पर मिर्च स्प्रे, FIR दर्ज और 23 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
  • सरकार ने हिडमा के एनकाउंटर को जीत बताया

रायपुर: CG Politics क्या आप सोच सकते हैं कि जिस दुर्दांत नक्सली लीडर ने जीते-जी 26 सबसे घातक नक्सल हमले करवाए, जिन हमलों में सैंकड़ों जवान शहीद हुए और आम लोग मारे गए। उसके एंकाउंटर पर कुछ लोग आंसू बहा रहा हैं। इस कदर आहत हैं कि दिल्ली में प्रदर्शन कर उसके समर्थन में नारे लगवा रहे हैं। गंभीर बात ये है कि जिन युवा प्रदर्शनकारियों से नारे लगवाए उन्हें खुद नहीं पता को हिडमा कौन था, क्या था, क्या किया उसने क्यों उसके मरने पर बस्तर में पटाखे फूटे?

CG Politics जी हां, रविवार को दिल्ली में प्रदूषण और जहरीली हवा के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा था लेकिन उसी भीड़ के बीच एक और हवा बह रही थी। एक ऐसी हवा जिसने इंडिया गेट से छत्तीसगढ़ तक तूफान खड़ा कर दिया।

ये पोस्टर में इन हाथों में हैं एनकाउंटर में मारे गए देश के मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा की तस्वीर और अब नारे सुनिए और पोस्टरों पर लिखा है। बिरसा मुंडा से लेकर माड़वी हिड़मा तक संघर्ष जारी रहेगा। युवा, स्टूडेंट्स, कॉलेज के लड़के-लड़कियां जिनके हाथों में पोस्टर थे, जिनकी आवाज में नारे थे क्या उन्हें पता भी है हिडमा कौन था? क्योंकि जब हिडमा जंगल में खून से लाल इतिहास लिख रहा था तब इनमें से कई दुनिया में भी नहीं आए थे। फिर अचानक इन युवाओं के हाथों में हिडमा के पोस्टर कैसे पहुंचे? उनके नारों में हिडमा की महिमा कैसे गूंज उठी? और प्रदर्शन की भीड़ में एजेंडा किसने डाला?

प्रदूषण पर बहस चल रही थी, लेकिन मंच बदल गया माहौल बदल गया और पर्यावरण की लड़ाई की आड़ में विचारधारा का संघर्ष चमकने लगा। पुलिस ने रोकने की कोशिश की और तभी भीड़ की तरफ से पुलिस पर मिर्च स्प्रे तीन–चार पुलिसकर्मी घायल दो थानों में FIR, 23 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार।

एक तरफ सरकार हिडमा के एनकाउंटर को नक्सलवाद के खिलाफ सबसे बड़ी जीत बता रही है। तो दूसरी तरफ हिडमा के हिमायती बढ़ते जा रहे हैं। वो सवाल उठा रहे हैं। एनकाउंटर फर्जी है। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ने कहा कि, बच्चों को मानसिक रूप से प्रभावित किया गया है। वहीं डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा किस, टुकड़े-टुकड़े गिरोह एक्टिव है।

रायपुर से दिल्ली तक राजनीति जल रही है। बीजेपी कह रही है कि देश में नक्सल प्रेमी नहीं बचेंगे, तो वहीं, कांग्रेस जवाब दे रही है कि सरकार असहमति दबा रही है।जहरीली हवा को लेकर प्रदर्शन कांधे पर नक्सली पोस्टर और नारे उन लोगों के लिए जिन्हें पता भी नहीं कि हिडमा था कौन तो क्या ये प्रदर्शन यूथ की आवाज थी या यूथ के दिमाग में डाला गया एजेंडा? दिल्ली में हिडमा को अमर बताने वाले क्या सच में उसके विचारों में यकीन रखते हैं? या वे सिर्फ किसी की लिखी स्क्रिप्ट बोल रहे हैं? हिडमा के समर्थक जंगलों से निकलकर अब कैंपस और कंक्रीट के शहरों तक पहुंच गए हैं या फिर… उन्हें पहुंचाया जा रहा है? सवाल कई हैं जवाबों की तलाश जारी है।

माड़वी हिडमा कौन था?

हिडमा देश का मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर था, जिसने 26 से अधिक घातक हमले करवाए।

दिल्ली प्रदर्शन में हिडमा के पोस्टर क्यों दिखे?

प्रदूषण विरोध प्रदर्शन के बीच कुछ युवाओं ने हिडमा के समर्थन में पोस्टर और नारे लगाए।

पुलिस ने क्या कार्रवाई की?

पुलिस पर मिर्च स्प्रे किया गया, 3–4 पुलिसकर्मी घायल हुए, FIR दर्ज हुई और 23 लोग गिरफ्तार हुए।

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