Balrampur Crime News: छत्तीसगढ़ में पुष्पा फिल्म जैसा खेल! रातोंरात बेशकीमती सागौन की कटाई कर तस्करी, वन विभाग की मिलीभगत या लापरवाही?

Balrampur Crime News: छत्तीसगढ़ में पुष्पा फिल्म जैसा खेल! रातोंरात बेशकीमती सागौन की कटाई कर तस्करी, वन विभाग की मिलीभगत या लापरवाही?

Balrampur Crime News: छत्तीसगढ़ में पुष्पा फिल्म जैसा खेल! रातोंरात बेशकीमती सागौन की कटाई कर तस्करी, वन विभाग की मिलीभगत या लापरवाही?

Balrampur Crime News/Image Source: IBC24


Reported By: Arun Soni,
Modified Date: November 23, 2025 / 02:50 pm IST
Published Date: November 23, 2025 2:50 pm IST

बलरामपुर: Balrampur Crime News:  छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में इन दिनों पुष्पा मूवी की तर्ज पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई अपने चरम पर पहुंच गई है। मूवी और हकीकत में फर्क बस इतना है कि फिल्म में चंदन की लकड़ी रात में काटी जा रही थी, जबकि यहां हकीकत में बेशकीमती सागौन की लकड़ी की तस्करी हो रही है। यह सब प्रशासन की निगरानी में हो रहा है, और इस अवैध कटाई का मुख्य कारण यह है कि एनएच 343 बलरामपुर जिले से होकर गुजरता है, और एनएच 343 के किनारे ही सेमरसोत अभ्यारण्य का क्षेत्र है। अभ्यारण्य क्षेत्र में दर्जनों गांव हैं, जो कई भागों में बंटे हुए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें जंगल से दातुन से लेकर वनोपज तक लाने की अनुमति नहीं है, और जब वे ऐसा करते हैं तो वन अमला उनके खिलाफ कार्रवाई करता है, लेकिन जंगल में आधी रात को हो रही अवैध कटाई पर वन विभाग चुप्पी साधे हुए है।

सागौन के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई (Balrampur illegal logging)

Balrampur Crime News:  बलरामपुर जिले के सेमरसोत अभ्यारण्य क्षेत्र के ग्राम कंडा में तस्करों द्वारा पेड़ों की अंधाधुंध कटाई का मामला सामने आया है। अभ्यारण्य क्षेत्र में बेशकीमती सागौन के पेड़ों की बलि आधुनिक लकड़ी काटने की मशीनों से दी जा रही है। रात के अंधेरे में ही जंगल से काटी गई लकड़ियों को ढोने का काम भी किया जा रहा है, जिसकी गवाही पेड़ों की ठूठ भी दे रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जिस जंगल को उन्होंने बचा कर रखा था, वहां अब पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है। वे कहते हैं कि उनके गांव में बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं, लेकिन अब यह भी सहन नहीं किया जा सकता कि उनके जंगलों की इस तरह से अन्धाधुंध कटाई हो रही हो।

अवैध कटाई और तस्करी का खुलासा (Sagon tree smuggling)

Balrampur Crime News:  अभ्यारण्य क्षेत्रों में वनोपज संग्रह करने के लिए विशेष नियम हैं, लेकिन ग्रामीणों को साधारण दातुन तोड़ने की भी अनुमति नहीं है। इस बीच, वहीं गांव में बड़े से बड़े और मोटे पेड़ों को तकनीक के जरिए काट कर गिराया जा रहा है, और रात के अंधेरे में इन लकड़ियों की तस्करी की जा रही है। यह सब या तो वन विभाग की मिलीभगत से हो सकता है या फिर स्थानीय लोगों के साथ मिलकर। खासकर विभाग की इस मसले पर मौन स्वीकृति ने ग्रामीणों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सेमरसोत अभ्यारण्य क्षेत्र के वनकर्मियों का कहना है कि गांव में सरकारी आवास नहीं होने के कारण वे मुख्यालय बलरामपुर से आकर जाते हैं। उन्हें लकड़ी की कटाई की जानकारी है, लेकिन यह सब खेल रात में होता है, इसलिए वे इस पर लगाम लगाने में सक्षम नहीं हैं।

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वन विभाग की चुप्पी पर सवाल (Forest department negligence)

Balrampur Crime News:  सेमरसोत अभ्यारण्य क्षेत्र के स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि वे जंगल में पेड़ों के संवर्धन की दिशा में काम कर रहे हैं, और पेड़ों की कटाई न हो, इसके लिए वे भरसक प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, इन प्रयासों का धरातल पर कोई असर नहीं दिख रहा है। बहरहाल, सेमरसोत अभ्यारण्य में पेड़ों की कटाई का यह कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। विभाग ने जांच टीम बनाई थी और जांच भी की थी, लेकिन उसके बाद सब कुछ ठंडे बस्ते में चला गया। अधिकारी आते गए, समय बदलता गया, और यह सिलसिला चलता रहा। अब देखने वाली बात यह है कि इस बार अभ्यारण्य क्षेत्र के अधिकारी कितनी जल्दी इस गंभीर मसले पर जागते हैं।

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लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।