भाजपा नेताओं की हत्या के बाद फिर बस्तर आ रहे अमित शाह, नक्सल का होगा अंत! इस कार्यक्रम में होंगे शामिल
बस्तर में पहली बार सीआरपीएफ इतना बड़ा आयोजन करने जा रहा है और केंद्रीय मंत्री का यह दौरा बस्तर में इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि कुछ समय पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बस्तर में नक्सल समस्या के समाधान को लेकर बैठकें कर चुके हैं और उन्होंने जल्द से जल्द बस्तर को नक्सल मुक्त करने का आह्वान किया है।
big announcement for farmers
Amit Shah is coming to Bastar again
जगदलपुर। बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में साल 2024 तक शांति का वादा कर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह फिर बस्तर आ रहे हैं। इस दौरान भी सीआरपीएफ की स्थापना दिवस में बस्तर में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होंगे। 19 मार्च को सीआरपीएफ अपना स्थापना दिवस मनाती है और बस्तर में लंबे समय से सीआरपीएफ नक्सल मोर्चे पर माओवादी समस्या के समाधान के लिए बड़ी लड़ाई लड़ रही है। हाल ही में लगातार 4 भाजपा नेताओं की हत्या के बाद से भाजपा आक्रोश में है, ऐसे में अमित शाह का आना भी कार्यकर्ताओं में जान फूंकने का काम करेगा।
read more: लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण हेतु सभी तहसील कार्यालयों में होगा राजस्व शिविर का आयोजन
माओवादियों के हमले में सबसे ज्यादा कुर्बानी भी सीआरपीएफ जवानों को ही देनी पड़ी है। साल 2010 में ताड़मेटला में 75 और 2017 में बुर्कापाल में 25 समेत इसी तरह की कई बड़ी घटनाओं में माओवादियों द्वारा सीआरपीएफ के जवानों को बड़ा नुकसान पहुंचाया गया है। स्थापना दिवस के आयोजन के जरिए सीआरपीएफ शांति और सुरक्षा का संदेश देना चाहती है। 19 मार्च को होने वाले आयोजन में जम्मू कश्मीर पूर्वोत्तर दक्षिण व केंद्रीय अंचल में 21 सेक्टर के टुकडिया यहां परेड में शामिल होकर मार्चपास्ट के साथ अपना कौशल का प्रदर्शन करेंगे। इसमें विशेष उपलब्धियों के लिए सीआरपीएफ अधिकारियों व जवानों को सम्मानित भी किया जाएगा।
बस्तर में पहली बार सीआरपीएफ इतना बड़ा आयोजन करने जा रहा है और केंद्रीय मंत्री का यह दौरा बस्तर में इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि कुछ समय पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बस्तर में नक्सल समस्या के समाधान को लेकर बैठकें कर चुके हैं और उन्होंने जल्द से जल्द बस्तर को नक्सल मुक्त करने का आह्वान किया है। ऐसे में अमित शाह के दौरे से पहले नक्सल मोर्चे पर और तेजी आने की संभावना है।
बीते वर्ष जम्मू में सीआरपीएफ ने अपना 83वां वर्षगांठ समारोह आयोजित किया था। अब बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर के समीप करणपुर में स्थापना दिवस मनाया जाएगा। देश का सबसे पुराना बल सीआरपीएफ को कहा जाता है। 1940 में ग्राम रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में यह गठित किया गया था। स्वतंत्रता के बाद 28 दिसंबर 1949 को संसद की एक अधिनियम से इस बल का नाम केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल दिया गया था। 19 मार्च का वार्षिक दिवस बल के लिए विशेष महत्व रखता है। क्योंकि भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1950 में इसे राष्ट्रपति ध्वज प्रदान किया था। वर्तमान में सीआरपीएफ देशभर में करीब साढ़े तीन लाख सुरक्षाकर्मियों के साथ महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रही है।

Facebook



