बेमेतरा की ‘आग’, कैसे मिटेगा ‘दाग’? आखिर बेमेतरा में क्यों भड़की हिंसा की आग?
बेमेतरा की 'आग', कैसे मिटेगा 'दाग'? आखिर बेमेतरा में क्यों भड़की हिंसा की आग? Bemetara violence broke out
रायपुर। Bemetara violence बेमेतरा में स्कूली छात्रों के बीच शुरू हुआ मामूली विवाद सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले चुका है। अब तक 34 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। घटना के तीन दिन बीत चुके हैं लेकिन जिंदगी पटरी पर नहीं लौट रही। एक ओर हिंसा की आग भड़की हुई है तो दूसरी ओर सियासतदां जुबान से आग उगल रहे हैं। एक पक्ष तुष्टिकरण के आरोप लगा रहा है तो दूसरा पक्ष हिंसा पर राजनीति का प्रत्यारोप लगा रहा है। शांति कैसे लौटेगी, क्या इस पर भी किसी का ध्यान है? क्या इस पूरे मामले को सरकार ने हल्के में लिया या विपक्ष ने इस मुद्दे को बेवजह तूल दिया?
Bemetara violence बेमेतरा के बिरनपुर में शनिवार को लगी सांप्रदायिक हिंसा की आग बुझती नहीं दिख रही। तीन दिन बाद भी बिरनपुर और आसपास के गांवों में दहशत का सन्नाटा पसरा है। जिले के हर चौक चौराहों पर पुलिस तैनात है लेकिन लोगों के मन से डर खत्म नहीं हो रहा। सूबे में ऐसे हालात के लिए बीजेपी कांग्रेस सरकार को दोषी ठहरा रही है। बीजेपी नेता इसे एक समुदाय के खिलाफ साजिश और छत्तीसगढ़ को तालिबान बनाने की कोशिश करार दे रहे हैं।
स्कूली छात्रों के विवाद में युवक की हत्या.. तोड़फोड़, आगजनी.. छत्तीसगढ़ बंद, एक समुदाय के खिलाफ आर्थिक नाकेबंदी की शपथ, फिर 2 और शव मिलने के बाद सरकार का ध्यान इस ओर जा सका। घटना के 48 घंटे बाद एक कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। जबकि सीएम का पहला रिएक्शन 72 घंटे बाद मिला।
अमन पसंद छत्तीसगढ़ में पहली बार ऐसी घटना के बाद पूरे प्रदेश की नजर बेमेतरा पर है। प्रदेश की जनता सरकार, सत्ता पक्ष और विपक्ष को भी देख रही है। ये भी तय है कि बेमेतरा की घटना सूबे की सियासत का एक नया अध्याय लिखेगी, जिसके घाव को लंबे अरसे तक भुलाया नहीं जा सकेगा।

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