गुपचुप तरीके से की जा रही थी नाबालिग की शादी, अचानक पहुंची महिला बाल विकास की टीम, फिर जो हुआ…
WCD Department stopped child marriage in Bilaspur
child marriage
WCD Department stopped child marriage: बिलासपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग एंव चाइल्ड हेल्पलाईन 1098 की संयुक्त टीम द्वारा बेमेतरा जिले में नाबालिग बालिका का विवाह रुकवाया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी सह जिला बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को जिले के एक गांव में नाबालिग बालिका का विवाह बिलासपुर के एक युवक से किये जाने की सूचना मिली। सूचना के मिलते ही महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग एंव चाइल्ड हेल्पलाईन 1098 की संयुक्त टीम गठित कर गांव भेजा गया।
संयुक्त टीम ने विवाह के चार दिन पहले कार्यवाही कर नाबालिग बालिका का विवाह रुकवाया। वर पक्ष को भी दूरभाष के माध्यम से समझाईश दी गई। साथ ही बिलासपुर जिला बाल संरक्षण इकाई से समन्वय स्थापित कर जिला बाल संरक्षण इकाई बिलासपुर के द्वारा वर पक्ष के निवास पर जाकर समझाईश दी गई। समझाने पर वर एवं वधु पक्ष के परिजनों द्वारा बालिका के निर्धारित आयु पूर्ण होने के उपरांत ही विवाह किये जाने हेतु अपनी सहमति प्रदान की और विवाह स्थगित करने की बात कही।
वर्तमान में मौजूदा कानून के तहत् 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह गैर कानूनी है। टीम द्वारा समझाईश दिये जाने पर वधु पक्ष द्वारा बालिका का विवाह वर्तमान में मौजूदा कानून के अनुसार किये जाने का शपथपूर्वक कथन किया गया। टीम द्वारा उन्हें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 में उल्लेखित प्रावधानों के बारे में बताया गया कि निर्धारित आयु पूर्ण होने के पूर्व विवाह करवाना अपराध है।
WCD Department stopped child marriage: बाल विवाह कराने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे-संबंधी, बाराती, विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। जो व्यक्ति ऐसा करता या कराता है या विवाह में सहयोग प्रदान करता है, तो उसे भी 02 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा 1 लाख रुपए जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
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