Vande Bharat: ‘सरेंडर’ पर सियाससत! कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग स्टैंड पर बीजेपी ने ली चुटकी, देखें वीडियो
CG Politics: 'सरेंडर' पर सियाससत! कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग स्टैंड पर बीजेपी ने ली चुटकी, देखें वीडियो
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- जगदलपुर में 210 नक्सलियों ने संविधान की कॉपी के साथ किया आत्मसमर्पण
- भूपेश बघेल ने सरेंडर की सराहना की
- वहीं दीपक बैज ने उठाए सवाल
रायपुर: CG Politics इधर छत्तीसगढ़ में सरेंडर पर सियासी आग भड़की है। पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। एक दिन पहले जगदलपुर में 210 नक्सलियों ने हथियार छोड़कर मुख्यधारा में वापसी की। सरेंडर के बाद सूबे में सियासी बयानाबाजी भी खूब हो रही। बीजेपी नेता इसके लिए खुद की पीठ थपथपा रहे हैं, तो दूसरी तरफ कांग्रेस नेताओं का अलग-अलग स्टैंड है। जिसपर बीजेपी खूब चुटकी ले रही।
CG Politics जगदलपुर में संविधान की कॉपी के साथ 210 नक्सलियों ने समाज की मुख्यधारा में न सिर्फ वापसी की। बल्कि नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़ के संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया। बीते एक सप्ताह के भीतर 300 से ज्यादा नक्सली हथियार छोड़ चुके हैं। इससे बस्तर ही नहीं देश के अन्य नक्सल प्रभावित राज्याें में भी नक्सलवाद के खिलाफ वातावरण तैयार हुआ। लेकिन अब इस मु्द्दे पर बयानबाजी का सिलसिला तेज है। हालाकि कांग्रेस इस मसले पर एक बार फिर बंटी हुई नजर आ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सलियों के आत्मसमर्पण को लेकर जहां गृहमंत्री अमित शाह और राज्य सरकार की सराहना की, तो पीसीसी चीफ दीपक बैज लगातार नकली और असली नक्सली को लेकर सवाल पूछ रहे हैं।
दरअसल इस बहस की शुरुआत भूपेश बघेल के उस ट्वीट से हुई। जिसमें उन्होंने कांग्रेस सरकार की नीतियों की वजह से नक्सलियों के आत्मसमर्पण का दावा तो किया ही। अमित शाह और राज्य सरकार की सराहना भी की। पीसीसी चीफ दीपक बैज सरेंडर पर सवाल उठाया तो गृहमंत्री विजय शर्मा ने 210 आत्मसमर्पित नक्सलियों की सूची नाम के साथ जारी की। जिसमे हथियारों का आंकड़ा, संगठन, पद और ईनाम की भी जानकारी दी।
इधर बीजेपी नेताओं ने पूछा कि..आखिर नक्सलवाद को लेकर कांग्रेस का आधिकारिक स्टैंड क्या है?
नक्सलवाद को लेकर आरोप-प्रत्यारोप की सियासत के बीच कोण्डागांव में 1 लाख रुपए के इनामी नक्सली ने एसपी के सामने सरेंडर किया, तो दूसरी तरफ गरियाबंद एरिया कमांडर सुनील ने सक्रिय नक्सलियों से हथियार छोड़कर सरेंडर की अपील की है
यानी फोर्स के बढ़ते दबाव के बाद नक्सली बैकफुट में हैं और लगातार सरेंडर कर रहे हैं, तो सरेंडर को लेकर क्रेडिट पॉलिटिक्स भी जारी है। एक और बीजेपी सरकार पूरी तरह से डबल इंजन सरकार की उपलब्धि बता रही है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस कह रही है कि उनकी नीति से ही आज सफलता मिल रही।
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