रिपोर्ट-अभिषेक सोनी, अंबिकापुर: Patients shifted in Private Hospital Ambikapur इलाज के लिए गांवों के लोग शहर पहुंचते हैं। बड़े सरकारी अस्पतालों में उनके मुफ्त इलाज और कम खर्च में ऑपरेशन की तमाम सुविधाएं सरकार उपलब्ध करा रही है। लेकिन निजी अस्पतालों के दलाल अस्पतालों में टहलते रहते हैं। अस्पताल परिसर में बाकायदा एंबुलेंस लेकर आने वाले ये दलाल ऐसे मरीजों को निजी अस्पतालों में शिफ्ट करा देते हैं, जहां से उनसे मोटी रकम की वसूली हो सके। लेकिन अब उनकी खैर नहीं।
Shifted Patients in Private Hospital ये मामला अंबिकापुर के राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल अस्पताल का है, जहां गरीब मरीजों के इलाज के लिए करोड़ों रुपए का बजट आता है। जांच हो या फिर ऑपरेशन मरीजों को बेहद कम खर्च में यहां हर तरह का इलाज मिलता है। लेकिन यहां आने वाले मरीजों को शहर के दूसरे बड़े निजी और महंगे अस्पतालों में शिफ्ट कराने के लिए दलाल यहां घूमते रहते हैं। इनका बाकायदा रैकेट चल रहा है, जो कैंपस में घुसकर ये सारा गोरखधंधा कर रहे हैँ।
मामला संज्ञान में आते ही मेडिकल कालेज प्रबंधन ने सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। अब मेडिकल कालेज में निजी एम्बुलेंस की एंट्री पर उसका डिटेल दर्ज किया जाएगा। साथ ही किसी भी मरीज को HOD या फिर ड्यूटी डाक्टर की सहमति के बाद ही रेफर किया जाएगा। इसके कारण का उल्लेख करते हुए इसका डिटेल भी अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को भेजा जाएगा। साथ ही CCTV के जरिये प्रबंधन मेडिकल कालेज में घूमने वाले संदिग्ध लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने की तैयारी में है।
सरकारी अस्पताल में बेहतर सुविधा के साथ ज्यादा प्रशिक्षित डॉक्टर भी होते हैं। ऐसे में प्रबंधन की जानकारी के बिना मरीजों को मेडिकल कालेज से निजी अस्पतालों में शिफ्ट करना मरीजों के साथ ज्यादती तो है ही, व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करता है।
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