छत्तीसगढ़ में भूपेश कैबिनेट की मीटिंग में आरक्षण कोटा से संबंधित दो विधेयकों को मंजूरी दे दी गई है। इन विधेयकों को विधानसभा के विशेष सत्र में पेश किया जाएगा। वहां से पास होने के बाद छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को 32 फीसदी आरक्षण मिलेगा। इस फैसले को भूपेश सरकार का बड़ा फैसला माना जा रहा है।
बता दें कि चुनावी साल में भूपेश सरकार ने बड़ा दांव चला है। उन्होंने कैबिनेट की मीटिंग में आरक्षण का कोटा बढ़ाने वाले विधेयकों को मंजूरी दे दी है। इन संसोधन विधेयकों को विधानसभा में पेश किया जाएगा। वहां से पास होने के बाद प्रदेश में आदिवासियों को 32 फीसदी और ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण मिलेगा। इसे सीएम भूपेश बघेल का बड़ा फैसला माना जा रहा है।
बीते गुरुवार को भूपेश कैबिनेट की मीटिंग में आबादी के अनुसार आरक्षण देने वाले विधेयक को मंजूरी मिली है। यह शिक्षण संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरी में लागू होगा। सरकार ने कहा है कि अगर ये संशोधन विधेयक पारित हो जाते हैं तो राज्य में कुल आरक्षण बढ़कर 76 प्रतिशत हो जाएगा। इन विधेयकों को पास करने के लिए राज्य में विधानसभा का विशेष सत्र एक और दो दिसंबर को बुलाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार की तरफ से 2019 में की गई घोषणा के अनुरूप, विधेयकों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) को 32 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत और अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। वहीं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए तय आरक्षण का अधिकारियों ने खुलासा नहीं किया है, लेकिन कुल कैलकुलेशन के अनुसार ईडब्ल्यूएस कोटा चार प्रतिशत सामने आ रहा है।
इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बधाई। उन्होंने अब 32% आदिवासी को, अनुसूचित जाति को 13 परसेंट और पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और सामान्य वर्ग को चार प्रतिशत आज चर्चा के बाद कैबिनेट में पास हुआ है। अब यह विधानसभा में रखा जाएगा।
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