Rajim Kumbha Kalpa 2025: छत्तीसगढ़ का प्रयाग राजिम कुंभ कल्प के स्वागत के लिए तैयार, मुख्यमंत्री साय ने श्रद्धालुओं से की आस्था पर्व में सहभागिता की अपील की
Rajim Kumbha Kalpa 2025: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को राजिम कुंभ कल्प और शिबरीनारायण मेले की हार्दिक शुभकामनाएं देते
CM Sai On Bastar Tour। Photo Credit: CG DPR
- 12 फरवरी से महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के त्रिवेणी संगम पर राजिम कुंभ कल्प प्रारंभ हो रहा।
- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को राजिम कुंभ कल्प और शिवरीनारायण मेले की शुभकामनाएं दी।
- मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राजिम, जिसे 'छत्तीसगढ़ का प्रयाग' कहा जाता है, सदियों से श्रद्धालुओं और संत समाज के लिए आस्था का केंद्र रहा है।
रायपुर: Rajim Kumbha Kalpa 2025: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को राजिम कुंभ कल्प और शिवरीनारायण मेले की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 12 फरवरी से महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के त्रिवेणी संगम पर प्रारंभ हो रहा राजिम कुंभ कल्प न केवल छत्तीसगढ़ की आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है, बल्कि इसकी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का जीवंत संगम भी है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राजिम, जिसे ‘छत्तीसगढ़ का प्रयाग’ कहा जाता है, सदियों से श्रद्धालुओं और संत समाज के लिए आस्था का केंद्र रहा है। राज्य सरकार ने राजिम माघी पुन्नी मेले को पुनः उसके मूल स्वरूप में प्रतिष्ठित करते हुए “राजिम कुंभ कल्प” का नाम दिया है। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की गौरवशाली सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर के संरक्षण व संवर्धन का महत्वपूर्ण प्रयास है।
Rajim Kumbha Kalpa 2025: उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का प्रयाग राजिम कुंभ कल्प के स्वागत के लिए तैयार है। राजिम कुंभ कल्प में संत-समागम, धार्मिक प्रवचन, लोक संस्कृति के विविध रंग और आध्यात्मिक चेतना की अनूठी झलक देखने को मिलेगी। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ आसपास के राज्यों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में सम्मिलित होकर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे।
Rajim Kumbha Kalpa 2025: मुख्यमंत्री साय ने कहा कि माघ पूर्णिमा के अवसर पर शिवरीनारायण में महानदी, शिवनाथ और जोंक नदी के पावन संगम पर मेले का आयोजन होता है, जो श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि राजिम कुंभ कल्प और शिवरीनारायण मेला न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ये आयोजन प्रदेश की समृद्ध परंपराओं और आध्यात्मिक चेतना को सशक्त करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
मुख्यमंत्री ने इन आस्था पर्वो में श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होने का आह्वान करते हुए सभी के लिए सुख-समृद्धि और मंगलमय जीवन की कामना की है।

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