दिया है दाम..तो क्यों नहीं है नाम? योजनाओं के नामकरण से सियासी दलों को क्या फायदा?

योजनाओं के नामकरण से सियासी दलों को क्या फायदा? Chief Minister Bhupesh Baghel has directly targeted the central government

दिया है दाम..तो क्यों नहीं है नाम? योजनाओं के नामकरण से सियासी दलों को क्या फायदा?
Modified Date: May 27, 2023 / 11:24 pm IST
Published Date: May 27, 2023 11:24 pm IST

सौरभ सिंह परिहार/रायपुरः चुनावी साल में सियासी दल नए-नए मुद्दे तलाश रहे हैं। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र और राज्यांश बराबर होने पर संबंधित योजनाओं के नाम रखने का अधिकार राज्य को देने की मांग की है। भाजपा इस मांग को कोरी राजनीति बता रही है लेकिन सवाल है कि क्या योजनाओं के नाम रखने से जनता को वाकई फायदा होगा।

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देश में इन दिनों नए संसद भवन के उद्घाटन पर सियासी तापमान बढ़ा हुआ है तो इधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र और राज्य की राशि से संचालित योजनाओं का नामकरण करने का अधिकार राज्यों को देने की मांग की है। उन्होंने इस बात को आज नीति आयोग की बैठक में भी रखी है।

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प्रधानमंत्री आवास योजना,अमृत मिशन योजना,स्मार्ट सिटी स्वच्छ भारत, मनरेगा समेत शिक्षा स्वास्थ्य और महिला विकास विभाग समेत कई ऐसे विभाग हैं, जिसकी अधिकांश योजनाएं केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से चलती हैं। इनमें से कई योजनाओं को राज्य सरकार ने बेहतर प्लानिंग कर अपनी फ्लैगशिप योजनाओं में शामिल भी कर लिया है। इस स्थिति में स्वाभाविक रूप से राज्य सरकार की इच्छा होगी कि उनका नामकरण भी अपने अनुसार किया जाए। हालांकि भाजपा इस पर सवाल उठा रही है।

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कोरोना काल के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वैक्सीन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की फोटो को लेकर सवाल उठाया था। अब फिर से केंद्रांश और राज्यांश को लेकर बयानबाजी हो रही है।


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