CG Naxal Surrender News: ”राज्य की पुनर्वास नीति महत्वपूर्ण है, इससे सबको फायदा होगा”, नक्सलियों के सरेंडर पर सीएम साय का बड़ा बयान
CG Naxal Surrender News: नक्सलियों के सरेंडर करने के बाद सीएम विष्णुदेव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
CG Naxal Surrender News/Image Credit: IBC24 X Handle
- छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली है।
- 210 माओवादीयों ने आज आत्मसमर्पण कर दिया ,
- सीएम साय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नक्सलियों के आत्मसमर्पंण की जानकारी दी।
CG Naxal Surrender News: जगदलपुर: सरकार की व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति के उल्लेखनीय परिणामस्वरूप दण्डकारण्य क्षेत्र के कुल 210 माओवादी कैडर जिनमें एक सेंट्रल कमेटी सदस्य, 4 डीकेएसजेडसी सदस्य 21डिविजनल कमेटी सदस्य तथा अन्य वरिष्ठ माओवादी नेता शामिल हैं जिन्होंने हिंसा का मार्ग छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा में वापसी की है। यह निर्णायक और ऐतिहासिक घटनाक्रम क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में माओवादी कैडरों के सबसे बड़े सामूहिक पुनर्समावेशन के रूप में दर्ज होगी।
राज्य की पुनर्वास नीति महत्वपूर्ण है: सीएम साय
CG Naxal Surrender News: वहीं नक्सलियों के सरेंडर करने के बाद सीएम विष्णुदेव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नक्सलियों के आत्मसमर्पण की जानकारी दी। इस दौरान डिप्टी सीएम अरुण साव, भाजपा अध्यक्ष किरण सिंहदेव भी मौजूद थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि, सरकार ने शुरुआत से ही समाधान की पेशकश की। हमने सभी से संवाद और विकास से जुड़ने आह्वान किया। राज्य की पुनर्वास नीति महत्वपूर्ण है, इससे सबको फायदा होगा।
CM Vishnu Deo Sai LIVE https://t.co/ZP8SMEbdCm
— IBC24 News (@IBC24News) October 17, 2025
नक्सलियों ने समर्पित किए 153 अत्याधुनिक हथियार
CG Naxal Surrender News: यह पहली बार है जब नक्सल विरोधी अभियान के इतिहास में इतनी बड़ी संख्या में वरिष्ठ माओवादी कैडरों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वालों में एक सेंट्रल कमेटी सदस्य, चार डीकेएसजेडसी सदस्य, 21 डिविजनल कमेटी सदस्य सहित अनेक वरिष्ठ माओवादी नेता शामिल हैं। इन कैडरों ने कुल 153 अत्याधुनिक हथियार- जिनमें AK-47, SLR, INSAS रायफल और LMG शामिल हैं समर्पित किए हैं। यह केवल हथियारों का समर्पण नहीं, बल्कि हिंसा और भय के युग का प्रतीकात्मक अंत है—एक ऐसी घोषणा, जो बस्तर में शांति और भरोसे के युग की शुरुआत का संकेत देती है।
मुख्यधारा में लौटने वाले प्रमुख माओवादी नेताओं में सीसीएम रूपेश उर्फ सतीश, डीकेएसजेडसी सदस्य भास्कर उर्फ राजमन मांडवी, रनीता, राजू सलाम, धन्नू वेत्ती उर्फ संतू, आरसीएम रतन एलम सहित कई वांछित और इनामी कैडर शामिल हैं। इन सभी ने संविधान पर आस्था व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में सम्मानजनक जीवन जीने का संकल्प लिया।

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