CM के सवाल चार..Nadda करेंगे पलटवार? धान और किसान..जारी है घमासान.. कौन हितैषी, कौन विरोधी?

CM's four question : धान और किसानों के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सवाल-जवाब का दौर शुरू हो चुका है।

CM के सवाल चार..Nadda करेंगे पलटवार? धान और किसान..जारी है घमासान.. कौन हितैषी, कौन विरोधी?

CM's four question

Modified Date: February 10, 2023 / 10:32 pm IST
Published Date: February 10, 2023 10:32 pm IST

रायपुर : CM’s four question : धान और किसानों के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सवाल-जवाब का दौर शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर बीजेपी नेताओं से 4 सवाल पूछे हैं। सवाल है कि बस्तर दौरे पर पहुंच रहे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा क्या जवाब देंगे। सवाल ये भी है कि इस सवाल-जवाब की सियासत के मायने क्या हैं।

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CM’s four question : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट के जरिए बीजेपी नेताओं से 4 सवाल पूछे हैं। उन्होंने पहला सवाल पूछा कि BJP किसानों के बोनस की विरोधी क्यों है? उनका दूसरा सवाल है कि देश के किसानों के बढ़ते कर्ज को माफ क्यों नहीं किया जाता ? अपने तीसरे सवाल में उन्होंने पूछा कि रमन सरकार ने 2100 रु. में धान और बोनस का वादा पूरा क्यों नहीं किया? आखिरी सवाल है कि BJP ने कांग्रेस की कर्ज माफी, 2500 रु. धान खरीदी को असंभव क्यों बताया?

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इससे पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव इसी मुद्दे पर कई बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल कर चुके हैं। अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बस्तर दौरा से पहले सीएम भूपेश ने 4 सवाल दाग कर जवाब देने की चुनौती दी है। इसके साथ ही कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने ये तक कह दिया कि बीजेपी के पास कोई जवाब होगा, तभी तो वह कुछ दे पाएंगे।

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CM’s four question : इधर, बीजेपी का कहना है कि मुख्यमंत्री का काम सवाल करने का नहीं होता बल्कि जवाब देने का होता है.. इसलिए उन्हें प्रदेश की जनता के सवालों का जवाब देना चाहिए।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना और एमएसपी को मिलाकर मिल रही ₹2500 से ज्यादा की राशि से किसान गदगद है.. राजनीतिक रूप से बीजेपी इसका कोई काट नहीं ढूंढ पा रही है.. बहरहाल, जिस तरह से धान और किसान सियासत की धुरी बने हुए हैं, उससे यही लगता है कि धान और किसान ही चुनाव का प्रमुख एजेंडा रहेगा।

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