शह मात The Big Debate: बाहरी बनाम छत्तीसगढ़ियावाद.. कौन सुलगा रहा विवाद? स्वार्थ के लिए बिगड़ता सौहार्द, क्या शांत छत्तीसगढ़ के लोग इसे स्वीकार करेंगे?

बाहरी बनाम छत्तीसगढ़ियावाद.. कौन सुलगा रहा विवाद? Debate over Chhattisgarhi versus outsider heats up

शह मात The Big Debate: बाहरी बनाम छत्तीसगढ़ियावाद.. कौन सुलगा रहा विवाद? स्वार्थ के लिए बिगड़ता सौहार्द, क्या शांत छत्तीसगढ़ के लोग इसे स्वीकार करेंगे?
Modified Date: November 21, 2025 / 12:11 am IST
Published Date: November 20, 2025 11:55 pm IST

रायपुरः CG News छत्तीसगढ़ में बीते कुछ हफ्तों में रह-रहकर छत्तीसगढ़िया बनाम बाहरी को लेकर बहस गरमाती दिख रही है। छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति भंग करने वाले पर प्रतिक्रियाओं से शुरू हुई जुबानी लड़ाई अब होते-होते थाना घेराव वाले शक्ति प्रदर्शन तक पहुंच चुकी है। साफ है कि कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ और अहम की लड़ाई को छत्तीसगढ़ की जनता के सेंटिमेंट्स से जोड़कर अपनी सियासी दुकाने चला रहे हैं।

पहले छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़े जाने के बाद छत्तीसगढिया बनाम बाहरी का झगड़ा और अब भिलाई में छत्तीसगढ़िया बनाम गैर छत्तीसगढ़ी के मुद्दे पर छग क्रांति सेना और करणी सेना के बीच बढ़ता टकराव। दरअसल, बुधवार रात छग क्रांति सेना कार्यकर्ता ने करणी सेना कार्यकर्ता को फोन पर गाली-गलौच की, जिससे भड़के दोनों पक्षों के लोग भिलाई छावनी थाने को घेरकर शक्ति प्रदर्शन करने लगे। बड़ी संख्या में पुलिस बल बुलाकर मशक्कत के बाद समझा-बुझा कर मामला शांत किया गया।

ये सारा झगड़ा जुड़ा है एक शिकायत से छग क्रांतिसेना के चेतन चंदेल के फेसबुक लाइव के दौरान हिन्दू साधु-संतो और भगवाधारियों को रावण बताये जाने से भड़के करणी सेना और हिंदुवादी संगठन के लोगों ने 17 अक्टूबर को छावनी थाने में कार्रवाई के लिए शिकायती आवेदन दिया था। जिस पर बीती रात दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर फोन पर गालीगलौज करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मुद्दे पर पूर्व PCC चीफ धनेंद्र साहू ने करणी सेना पर अपराधी के संरक्षण की आड़ में छग का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया तो मंत्री गजेंद्र यादव ने दावा किया कि कुछ लोगों के व्यक्तिगत स्वार्थों और सियासत के लिए प्रदेश का माहौल बिगड़ने का षड्यंत्र सफल नहीं होगा।

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CG News  साफ है कि छत्तीसगढ़ माटी से जु़ड़ा कोई भी व्यक्ति ना तो छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान सहन कर सकता है और ना ही किसी अपराधी के सपोर्ट में गुंडागर्दी को बर्दाश्त किया जा सकता है लेकिन क्या इन मुद्दों की आड़ में छत्तीसगढ़िया बनाम बाहरी को मुद्दा बनाकर पूरे प्रदेश की शांति और सौहार्द को दांव पर लगाया जाना उचित है?


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।