Dhamtari News: शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाले में बड़ा खुलासा! 172 पदों पर हुई फर्जी नियुक्तियां, पकड़े गए तीन आरोपी, जांच में 183 लोगों पर चल रही कार्रवाई

Dhamtari News: शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाले में बड़ा खुलासा! 172 पदों पर हुई फर्जी नियुक्तियां, पकड़े गए तीन आरोपी, जांच में 183 लोगों पर चल रही कार्रवाई

Dhamtari News: शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाले में बड़ा खुलासा! 172 पदों पर हुई फर्जी नियुक्तियां, पकड़े गए तीन आरोपी, जांच में 183 लोगों पर चल रही कार्रवाई

Dhamtari News/Image Source: IBC24

Modified Date: September 18, 2025 / 09:20 am IST
Published Date: September 18, 2025 9:05 am IST
HIGHLIGHTS
  • "धमतरी मगरलोड भर्ती घोटाला,
  • 172 पदों पर हुई फर्जी नियुक्तियां,
  • तीन आरोपी गिरफ्तार,

धमतरी: Dhamtari News:  छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले का मशहूर मगरलोड भर्ती घोटाला एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। साल 2007 की शिक्षाकर्मी भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई थी। स्वीकृत 150 पदों के बजाय 172 नियुक्तियाँ की गईं और कई अपात्र उम्मीदवारों को फर्जी अंकतालिका, अनुभव पत्र और झूठे प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी दिलाई गई।

मामला 2011 में उजागर हुआ था, जब आरटीआई कार्यकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस और सीआईडी ने जांच शुरू की लेकिन कार्रवाई की रफ्तार बेहद धीमी रही। अब पुलिस ने ताजा कदम उठाते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें सीताराम कुर्रे, इशू कुमार साहू और तत्कालीन जनपद उपाध्यक्ष कोमल यादव शामिल हैं जो चयन समिति के सदस्य थे। ये तीनों इस समय किसी पद पर नहीं हैं, लेकिन जांच में उनके खिलाफ पुख़्ता सबूत मिलने पर गिरफ्तारी की गई।

Dhamtari News:  अदालत पहले ही इस घोटाले के कई गुनाहगारों को सजा सुना चुकी है। सन 2020 में दस शिक्षाकर्मियों को फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी पाने का दोषी मानते हुए पांच साल की सश्रम कैद और जुर्माने की सजा दी गई थी। फिलहाल इस मामले में करीब 183 लोगों पर जांच चल रही है, जिनमें से कई अब भी सरकारी नौकरी कर रहे हैं और मोटी तनख्वाह ले रहे हैं जिससे पूरी शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

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2007 में शिक्षाकर्मी वर्ग-3 की भर्ती में स्वीकृत 150 पदों की जगह 172 पद यानी 22 अतिरिक्त पद बढ़ाकर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। फर्जी अनुभव, फर्जी जॉइनिंग लेटर और सरकारी दस्तावेजों में फर्जी हस्ताक्षरों के सहारे यह गड़बड़ी की गई। अब सवाल यह है कि इन फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले तत्कालीन अधिकारियों तक पुलिस पहुंच पाएगी या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।