Chhattisgarh News: कोई नहीं बनना चाहता छत्तीसगढ़ के इस गांव का सरपंच, कुर्सी में बैठने के कुछ ही दिन बाद हो जाती है मौत!
Nobody wants to become sarpanch | कोई नहीं बनना चाहता छत्तीसगढ़ के इस गांव का सरपंच, कुर्सी में बैठने कुछ ही दिन बाद हो जाती हे मौत!
धमतरी जिले के भटगांव में सरपंच बनते ही हो जाती है मौत! Image Source: IBC24
धमतरीः Nobody wants to become sarpanch क्या आपने कभी सुना है कि जनता का सपोर्ट मिलने के बावजूद भी कोई सरपंच बनना नहीं चाहता। सरपंच बनना तो दूर कोई दावेदारी में भी दिलचस्पी नहीं लेना चाहता…ये अजीब है लेकिन हकीकत है धमतरी जिले के भटगांव की। आखिर क्या है पूरा मामला?
Nobody wants to become sarpanch गांव में सरपंच कोई बन जाए तो उसका जलवा होता है, समाज में इज्जत होती है। हर कोई सरपंच साहब, सरपंच साहब बोलते हुए सम्मान की नजर से देखता है। परिवार में भी सरपंच बनने पर बेहद खुशी होती है, लेकिन इसी सरपंच पद को धमतरी के गांव भटगांव में लोग नफरत और डर की नजर से देखते हैं। जी हां.. दरअसल 2012 से 2024 तक यहां 5 सरपंच जनता के प्यार से जीते, लेकिन 5 में से 4 की किसी न किसी वजह से मौत हो गई, जबकि 1 सरपंच को धारा 40 के तहत पद गंवाना पड़ा।
Read More: Sana Makbul : सना मकबूल ने फ्लोरल गाउन में करवाया शानदार फोटोशूट, देखें तस्वीरें…
2020 से 2025 तक के लिए हुए चुनाव में यहां की जनता ने अजमेर सिंह को सरपंच चुना, लेकिन सिर्फ 2 साल बाद उनकी बीमारी से मौत हो गई। सरपंच की मौत के बाद उप चुनाव हुए उप चुनाव में जीतकर आए बोधन ध्रुव की भी कुछ महीने बाद मौत हो गई। वहीं 2010 से 2015 के लिए हुए चुनाव में झनकराम देवदास सरपंच बने, लेकिन महज 30 साल की उम्र में ही उनकी मौत हो गई। उनकी जगह पर गिरवर देवदास सरपंच पद पर आशीन हुए, लेकिन उनकी भी मौत हो गई। अब हालात ये हैं कि सरपंच बनने से लोग डरते हैं।
गांव वालों में सरपंच पद को लेकर डर इस कदर है कि कोई भी सरपंच बनने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है। यहां तक कि आने वाले पंचायत चुनाव में दावेदारी करने से भी लोग डर रहे हैं।

Facebook



