Reported By: Abhishek Soni
,Balrampur Viral Video | Photo Credit: IBC24
अंबिकापुर: Balrampur Viral Video कहा जाता है कि बिना साहस के ‘न्याय’ नहीं किया जा सकता। अंबिकापुर में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जहां ओहदों का दबाव, पुलिस की कार्रवाई में नजर आया। वैसे तो देश में कानून, हर किसी के लिए एक है, लेकिन धरातल में ऐसा होता कहां है? एक बार फिर से बड़े-बड़े पदों का दबाव और वैभव की चमक में पुलिसिया सिस्टम कटघरे में घिर गया।
Balrampur Viral Video नीली बत्ती वाली गाड़ी। बोनट पर बैठकर बर्थडे केक काटती एक महिला। अंबिकापुर इलाके का ये वीडियो सोशल मीडिया पर जब वायरल हुआ तो बवाल मच गया। एक और वीडियो में इसी नीली बत्ती गाड़ी के दरवाजे खुले हैं। गाड़ी चल भी रही है।
IBC24 ने सवाल पूछे तो पुलिसिया सिस्टम ही घिर गया। केक काटती महिला बलरामपुर DSP तश्लिम आरिफ की पत्नी निकलीं। आम जनता के सामने कानून की बात करने वाला पुलिस विभाग अब क्या करेगा सबसे बड़ा सवाल यही था, लेकिन पुलिस ने जो कार्रवाई की। उसने पुलिस की नीयत को फिर से कटघरे में खड़ा कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद जब पुलिस की किरकिरी हुई तो खानापूर्ति के लिए केस तो दर्ज किया गया लेकिन इस FIR में रंगबाजी करती DSP की पत्नी का नाम नहीं है, और बली का बकरा बनाया दिया गया गाड़ी के ड्राइवर को और उस पर भी अज्ञात के तौर पर।
इक्वल जस्टिस सिस्टम भारत के एक-एक नागरिक के लिए कानून बराबर है, लेकिन क्यों बड़े बड़े अधिकारियों को इन्हीं कानूनी कार्रवाई में छूट मिल जाती है। क्या इस वीडियो में DSP की पत्नी की जगह कोई और होता, क्या तब भी क्या पुलिस की कार्रवाई और FIR दर्ज करने का तरीका यही होता? इसका जवाब शायद इस देश का हर व्यक्ति समझता है।