Bhilai News: बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वर्णिका शर्मा का भर आया दिल, जब बच्चे ने बताया क्यों मांग रहा भीख, लिया तत्काल एक्शन
भिलाई सिविक सेंटर के बाहर बच्चों ने भीख मांगना और गुब्बारे बेचना शुरू किया, जिसे देखकर छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वर्णिका शर्मा ने तत्काल चाइल्डलाइन और जिला प्रशासन को कार्रवाई के लिए निर्देश दिए। प्रशासन बच्चों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाएगा।
Bhilai News/ Image Source: IBC24
- भिलाई सिविक सेंटर के बाहर बच्चों ने भीख मांगना और गुब्बारे बेचना शुरू किया।
- बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वर्णिका शर्मा ने तुरंत प्रशासन और चाइल्डलाइन को सूचना दी।
- विशेष अभियान चलाकर बच्चों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
भिलाई: छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले से रविवार शाम एक गंभीर मामला सामने आया है। सिविक सेंटर के बाहर छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वर्णिका शर्मा से बच्चे भीख मांगने लगे। वर्णिका शर्मा के पूछने पर बच्चों ने बताया कि उन्हें भीख मांगने और गुब्बारे बेचने पर रोज़ के पैसे मिलते हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने तत्काल प्रभाव से चाइल्डलाइन और प्रशासन को कार्रवाई के निर्देश दिए। फिलहाल, ऐसे बच्चों को अन्य भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाकर सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
भीख मांगने के मिलते हैं पैसे
Bhilai News: मिली जानकारी के अनुसार, कल वर्णिका शर्मा भिलाई में एक कार्यक्रम में शामिल होने आई थीं। कार्यक्रम के बाद चाय पीने के लिए सिविक सेंटर पहुंचीं। तब उनकी कार के सामने छोटे-छोटे बच्चे आकर पैसे मांगने लगे। मासूम बच्चों को भीख मांगते देख वह पहले तो हैरान हुईं, लेकिन सच सामने आते ही उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। बच्चों से भीख मांगने की वजह पूछने पर उन्होंने बताया कि उन्हें भीख मांगने और गुब्बारे बेचने पर रोज़ के पैसे मिलते हैं। वहीं कुछ बच्चों ने यह भी बताया कि वे पढ़ना चाहते हैं, लेकिन मजबूरी में उन्हें सड़कों पर उतारा जाता है।
बच्चों की बात सुनते ही वर्णिका शर्मा ने तत्काल चाइल्डलाइन के हेल्पलाइन नंबर पर बात की और जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी फोन लगाया और पूरे मामले पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सिविक सेंटर, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और अन्य भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाकर ऐसे बच्चों को चिन्हित किया जाए और उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाए। फिलहाल इस मामले की जांच गहनता से की जा रही है।
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