Swayambhu Maa Jagdamba Temple Bhilai: भक्त के सपने में आई थी देवी मां बम्लेश्वरी, बोलीं…मंदिर बनाकर पूजा करो, स्वयम्भू मां जगदंबा मंदिर की अद्भुत कहानी
भक्त के सपने में आई थी देवी मां बम्लेश्वरी...Swayambhu Maa Jagdamba Temple Bhilai: Goddess Bamleshwari came in the dream of the devotee, said
- नवरात्रि में उमड़ी आस्था की लहर,
- मां जगदंबा मंदिर में भक्तों की श्रद्धा,
- भक्त के सपने में आई थी देवी मां बम्लेश्वरी,
भिलाई: Swayambhu Maa Jagdamba Temple Bhilai: नवरात्रि के शुभ अवसर पर देवी मंदिरों में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। विशेष रूप से सेक्टर 6 स्थित स्वयम्भू मां जगदंबा मंदिर में इस बार आस्था का अनुपम दृश्य देखने को मिल रहा है। यहां भक्तों द्वारा 1281 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जा रहे हैं, जो भक्तों की अटूट श्रद्धा को दर्शाता है।
देश-विदेश से पहुंच रहे श्रद्धालु
Swayambhu Maa Jagdamba Temple Bhilai: इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां केवल स्थानीय भक्त ही नहीं बल्कि अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए आते हैं और ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करते हैं। इस मंदिर में भक्तों की गहरी आस्था है, जिससे यह एक प्रमुख शक्ति पीठ के रूप में स्थापित हो चुका है।
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
Swayambhu Maa Jagdamba Temple Bhilai: सेक्टर 6 स्थित पोस्ट ऑफिस कॉलोनी में मौजूद मां जगदंबा मंदिर में डोंगरगढ़ वाली माता बम्लेश्वरी की प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर की स्थापना जोनजाड़कर परिवार द्वारा की गई थी जो आज भी मंदिर की सेवा कर रहा है। परिवार के वरिष्ठ सदस्य यादवराव जोनजाड़कर को सपने में माता बम्लेश्वरी ने यहां होने का संकेत दिया था जिसके बाद मंदिर की स्थापना की गई।
पंचमी पर माता की गोदभराई का विशेष आयोजन
Swayambhu Maa Jagdamba Temple Bhilai: मंदिर में विशेष रूप से पंचमी के दिन माता की गोदभराई का आयोजन होता है जिसमें श्रद्धालु भारी संख्या में उपस्थित होते हैं। जो भक्त डोंगरगढ़ तक नहीं जा पाते, वे यहां आकर माता के दर्शन कर अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं।
अगले वर्ष मंदिर का स्वर्ण जयंती वर्ष
Swayambhu Maa Jagdamba Temple Bhilai: यह मंदिर भक्तों की आस्था का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है और अगले वर्ष इसकी स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर विशेष अनुष्ठान और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिससे भक्तों की आस्था और अधिक प्रगाढ़ होगी।

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